East Singhbhum News : राष्ट्रीय ध्वज फहराने पर हुए थे गिरफ्तार

मुसाबनी के गोपेश नारायण देव भारत छोड़ो आंदोलन में निभायी थी सक्रिय भूमिका

By ATUL PATHAK | August 9, 2025 12:03 AM

मुसाबनी. मुसाबनी प्रखंड के तेरंगा गांव निवासी स्वर्गीय गोपेश नारायण देव ने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभायी थी. अपने साथियों के साथ घाटशिला अनुमंडल में स्वाधीनता आंदोलन को तेज किया था. 1972 में सरकार ने गोपेश नारायण देव को स्वतंत्रता सेनानी का ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया था. गोपेश नारायण देव का जन्म 16 नवंबर 1907 को तेरंगा गांव में हुआ था. घाटशिला के जगदीश चंद्र हाई स्कूल में सातवीं तक पढ़ाई की थी. घाटशिला के हरिपद पांडा, दसमति लाला, शिव प्रसाद शर्मा, अतुल बोस, जगन्नाथ सिंह, के मेनन व अन्य साथियों के साथ घाटशिला अनुमंडल में स्वाधीनता आंदोलन चलाया था.

जेल में जयप्रकाश नारायण, डॉ राम मनोहर लोहिया आदि से भेंट हुई

7 अगस्त, 1942 को धालभूम राज के तत्कालीन प्रबंधक बंकिम चंद्र चक्रवर्ती (ब्रिटिश सरकार के हिमायती थे) ने ब्रिटिश सरकार के पक्ष में नारे लगाये. इसके जवाब में गोपेश नारायण देव व उनके साथियों ने वंदे मातरम, भारत माता की जय के नारे लगाये. 8 अगस्त, 1942 को घाटशिला के रंकिणी मंदिर में जाकर पूजा की. राष्ट्रीय ध्वज फहराया. 9 अगस्त 1942 को घाटशिला थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी प्रभात चक्रवर्ती ब्रिटिश सिपाहियों के साथ आये. उन्हें व उनके साथियों को गिरफ्तार कर जमशेदपुर जेल भेज दिया. उनके क्रांतिकारी साथी हरिपद पांडा व शिव प्रसाद शर्मा को पटना जेल भेजा गया. गोपेश नारायण देव को हजारीबाग केंद्रीय जेल भेजा गया. हजारीबाग जेल में गोपेश नारायण देव की मुलाकात जयप्रकाश नारायण, डॉ राम मनोहर लोहिया, अनुग्रह नारायण सिंह, सरदार हरिहर सिंह, विनोदानंद झा, केबी सहाय, श्याम नारायण सिंह समेत कई अन्य क्रांतिकारियों से हुई.

जेल से रिहाई के बाद घाटशिला कांग्रेस कमेटी बनायी

जेल से रिहा होने के बाद गोपेश नारायण देव ने घाटशिला में कांग्रेस कमेटी की स्थापना की. कांग्रेस के घाटशिला थाना अध्यक्ष बने. हरिपद पांडा सचिव बनाये गये. गोपेश नारायण देव के घर में घाटशिला कांग्रेस का पहला कार्यालय खोला गया. बाद में डॉ राजेंद्र प्रसाद से मिले. बिहार प्रदेश कांग्रेस के सदस्य के रूप में गोपेश नारायण देव ने कुछ वर्षों तक काम किया. स्वतंत्रता सेनानी गोपेश नारायण देव का निधन 18 अक्तूबर, 1992 को हुआ. उनकी पत्नी ज्योत्सना देवी को सरकार से स्वतंत्रता सेनानी की पेंशन मिलता थी. पत्नी ज्योत्सना का निधन 26 अक्तूबर, 2018 को हो गया. उनके उनके एकमात्र पुत्र गोवर्धन नारायण देव अपने परिवार के साथ तेरंगा में अपने पुश्तैनी कच्चे खपरैल के मकान में रहते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है