East Singhbhum News : अत्यधिक नमी से धान में लग रहा फंफूद रोग, किसान चिंतित
बहरागोड़ा प्रखंड में इस बार धान की बेहतर खेती हुई है
बरसोल.
बहरागोड़ा प्रखंड में इस बार धान की बंपर खेती हुई है. धान के पौधों से बाली निकलने लगी है. इस वर्ष अच्छी वर्षा होने से फसल लहलहा रही है. हालांकि, मौसम के उतार-चढ़ाव से किसानों के लिए चुनौती भी है. कभी बारिश, कभी तेज धूप और कभी अत्यधिक नमी से फसलों पर असर पड़ा है. नमी का स्तर 85 से 90 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जिससे फसल में रोग लगने लगा है. अत्यधिक वर्षा के कारण जहां बहुत ज्यादा जलजमाव हुआ है, वहीं पर समस्या है. ऐसे में किसान फसल को बचाने के लिए कीटनाशक का छिड़काव करने लगे हैं. पांचरुलिया, जयपुरा, पारुलिया, कुमारडूबी, गोहोलामुड़ा आदि गांव के किसान सुजीत गिरि, सिपुन जेना, उमा शंकर जेना, दुर्गा धड़ा, बिसु जेना, पल्लव जेना, आदित्य दास आदि ने कहा कि अब तक 10% खेती में रोग लगा है. फफूंद रोग से बालियों के दाने पीले या नारंगी रंग के हो जा रहे हैं. धीरे-धीरे ये दाने काले या जैतूनी रंग में बदल जाते हैं. संक्रमित दाने सामान्य दानों की तुलना में दोगुने आकार के हो जाते हैं. वहीं, बाद में पाउडर जैसे पदार्थ में बदल जाते हैं. इससे दाने की गुणवत्ता गिरती है, बल्कि 35 से 40 प्रतिशत तक उपज प्रभावित हो सकता है. इस बार बहरागोड़ा प्रखंड की 18,062 हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य था. इसमें से 15000 हेक्टेयर में धान की खेती हुई है.- यह रोग सभी जगह नहीं हो रहा है. अत्यधिक वर्षा के कारण जहां बहुत ज्यादा जलजमाव हुआ है, वहीं पर समस्या है. अभी तक किसान समस्या लेकर नहीं आये हैं. किसान आयेंगे, तो बंधित विभाग को अवगत करा देंगे. इसके लिए दवा छिड़काव कर सकते हैं. धान का नमूना लेकर कीटनाशक दुकान जाने पर देखकर दवा दे देंगे. छिड़काव करने के बाद कुछ हद तक रोग से बचाव किया जा सकता है.– संजय कुमार
, प्रभारी कृषि पदाधिकारी, बहरागोड़ाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
