झारखंड : रेप एंड मर्डर केस में सबसे तेज फैसला, दुमका की अदालत ने तीन दिन में पूरी की सुनवाई, तीन अभियुक्तों को सुनायी फांसी की सजा

Dumka Rape And Murder Case : बच्ची की मां ने रोते हुए कहा : फांसी के सिवा कुछ दूसरी सजा नहीं होनी चाहिए. मेरी बेटी के साथ इन दरिंदों ने बहुत गलत किया. राक्षस की तरह मार दिया. जिंदा रहकर ये क्या करेंगे. इसलिए तीनों को फांसी की सजा दें. Dumka Little Angel Rape And Murder

By Mithilesh Jha | March 3, 2020 5:42 PM

विक्रमादित्य

दुमका कोर्ट : झारखंड की उप-राजधानी दुमका में 6 साल की लिटिल एंजल से सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में पोक्सो कोर्ट ने सभी दोषियों को मंगलवार को फांसी की सजा सुनायी. गैंगरेप एंड मर्डर के इस केस के अभियुक्तों मीठू राय, पंकज मोहली और अशोक राय को अपहरण, गैंगरेप और हत्या (आइपीसी की धारा 366, 376A, 376D, 302, 201/34) के तहत दोषी करार दिया गया था. कोर्ट ने आज ही इन्हें दोषी करार दिया था.

6 साल की मासूम बच्ची से गैंगरेप के बाद उसकी हत्या करके मीठू राय, पंकज मोहली और अशोक राय ने उसके शव को छिपा दिया था. पोक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश तौफीकुल हसन की अदालत ने इन्हें फांसी की सजा सुनायी है. विशेष न्यायाधीश मो तौफिकुल हसन ने महज तीन दिन में सुनवाई पूरी की और चौथे दिन दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया.

छह साल की लिटिल एंजल को सरस्वती पूजा पर मेला दिखाने के बहाने उसका चाचा अपने दो सहयोगियों के साथ ले गया था. तीनों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म और अप्राकृतिक यौनाचार करने के बाद उसकी हत्या कर दी. फिर साक्ष्य को छिपाने के लिए खेत की मेड़ पर शव को छिपा दिया. घटना 5 फरवरी, 2020 को घटित हुई थी और 7 फरवरी, 2020 को उसका शव बरामद हुआ था.

मामले में लिटिल एंजल के पिता के बयान पर मिठू राय, पंकज मोहली एवं अशोक राय को आरोपी बनाया गया. अदालत ने तीनों को फांसी की सजा सुनायी. जज तौफिकुल हसन ने कहा कि यह मामला जघन्य अपराध की श्रेणी का है और रेयरेस्ट ऑफ द रेयर है. इसलिए इनका जीवित रहना समाज के लिए, परिवार के लिए उचित नहीं है.

कोर्ट ने तीनों को आइपीसी की धारा 366 में 10 साल सश्रम कारावास और 15 हजार रुपये जुर्माना नहीं देने पर 2 साल का कारावास, 376 डी बी में भी सजा-ए-मौत, 50-50 हजार रुपये का जुर्माना नहीं भरने पर 5 साल की सजा, दफा 302 में फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाये, जब तक दम नहीं निकल जाये अर्थात् सजा-ए-मौत, 50-50 हजार रुपये जुर्माना, नहीं देने पर 5 साल की सजा, दफा 201/34 में नन्ही फरिश्ता की हत्या के बाद साक्ष्य छुपाने के अपराध में सात-सात साल की कैद तथा पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत तीनों को आजीवन कारावास की सजा (मृत्यु होने तक) एवं 25-25 हजार रुपये जुर्माना देने की सजा सुनायी. जुर्माना की राशि का भुगतान नहीं करने पर इन्हें इस मामले में 5 साल अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

फैसला सुनाने से पहले जज मोहम्मद तौफीकुल हसन ने बच्ची के परिवार वालों को बुलाया. उनसे कहा कि ये तीनों ही आपकी बच्ची के दोषी हैं. इन्होंने उसकी हत्या की है. इसे क्या सजा देना चाहते हैं. परिवार के सभी लोगों ने एक साथ कहा : फांसी.

बच्ची की मां रोने लगी. बोली, ‘बहुत खराब से हमरो बेटी के साथ करलको. बड़ी खराब मारलको. एकरा फांसी दे दे. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि रोंगटे खड़े कर देने वाले इस गैंगरेप एंड मर्डर केस की सुनवाई सोमवार रात 10 बजे तक चली थी. इसके बाद मंगलवार को कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार दिया.

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