दुमका : दसाय और लांगड़े नृत्य प्रतियोगिता में खुद को थिरकने से नहीं रोक सकीं कल्याण मंत्री

आनंद जायसवाल@दुमका दुमका जिले में जहां लोगों की भीड़ दुर्गा पूजा पंडालों में उमड़ी हुई है, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में संताल आदिवासी समाज दसाय नृत्य पर थिरक रहा है. संताल परगना में संताल आदिवासी दुर्गा पूजा के दौरान बेलवरन त्योहार मनाते हैं और दसाय नृत्य करते हैं. दरअसल यह पर्व दीक्षा का पर्व है, जिसमें […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 18, 2018 7:45 PM

आनंद जायसवाल@दुमका

दुमका जिले में जहां लोगों की भीड़ दुर्गा पूजा पंडालों में उमड़ी हुई है, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में संताल आदिवासी समाज दसाय नृत्य पर थिरक रहा है. संताल परगना में संताल आदिवासी दुर्गा पूजा के दौरान बेलवरन त्योहार मनाते हैं और दसाय नृत्य करते हैं.

दरअसल यह पर्व दीक्षा का पर्व है, जिसमें गुरु अपने शिष्यों को जड़ी बूटियों की पहचान तथा तंत्र विद्या के बारे में बताते हैं. इसी क्रम में यह नृत्य किया जाता है. गुरुवार को महानवमी के अवसर पर काठीकुंड के तकरारपुर में ग्रामीणों द्वारा आयोजित लांगड़े और दसाय नृत्य की प्रतियोगिता में आसपास के दर्जनों गांव की टोली ने भाग लिया.

जिसमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर कला जत्थे को मुख्य अतिथि के रूप में महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री डॉ लोइस मरांडी ने पुरस्कृत किया. इससे पूर्व महिलाओं की टोली को मांदर की थाप पर थिरकते देख डॉ लोइस खुद को भी न रोक पायी.

उन्होंने सभी को दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं दीं. कहा कि आदिवासी समाज की पहचान उसकी कला-संस्कृति है, जिसे बचाये रखने और उसको बढ़ावा देने के लिए झारखंड सरकार प्रयासरत है.

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