संताल हूल पर ऐतिहासिक दस्तावेज होगी हूल एंड इट‍्स लिजेसी

दुमका : राज्यपाल ने जिन दो पुस्तकों का लोकार्पण किया भारतीय जीवन दर्शन पहली पुस्तक है, जिसके लेखक दिनेश मिश्र हैं. वहीं दूसरी पुस्तक हूल एंड इट‍्स लिजेसी संताल हूल को कई दृष्टिकोणों से विश्लेषण करती है. इस पुस्तक के तीन प्रमुख उद्देश्य है पहला हूल की घटनाओं का विभिन्न दृष्टिकोण से अध्ययन, दूसरा हूल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2017 7:48 AM

दुमका : राज्यपाल ने जिन दो पुस्तकों का लोकार्पण किया भारतीय जीवन दर्शन पहली पुस्तक है, जिसके लेखक दिनेश मिश्र हैं. वहीं दूसरी पुस्तक हूल एंड इट‍्स लिजेसी संताल हूल को कई दृष्टिकोणों से विश्लेषण करती है. इस पुस्तक के तीन प्रमुख उद्देश्य है पहला हूल की घटनाओं का विभिन्न दृष्टिकोण से अध्ययन, दूसरा हूल के तात्कालिक एवं दूरगामी प्रभाव और तीसरा हूल से संबंधित ऐतिहासिक दस्तावेज़ों चित्रों लोक गीत एवं उपलब्ध कराना तथा अध्यान के लिए संसाधनों का संकलन.

पहली बार विवि ने विशेषज्ञों से शोध पत्र आमंत्रित कर किसी एक विषय के विविध पहलुओं पर पुस्तक प्रकाशित की है. पुस्तक के सम्पादकों प्रो अच्युत चेतन एवं डॉ अजय सिन्हा ने बतलाया कि वीसी प्रो मनोरंजन प्रसाद सिन्हा ने इसके पूर्ण अध्ययन की आवश्यकता महसूस की. इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए इस पुस्तक में हूल को वर्ग संघर्ष, क्षेत्रीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति एवं समाज शास्त्रीय दृष्टिकोणों से मूल्यांकन करने वाले आलेखों को शामिल किया गया है. इस पुस्तक में हूल संबंधित दस्तावेज जिनमें न्यायालयों के निर्णय, पुलिस एवं मजिस्ट्रेट के दस्तावेज, हूल के अभियुक्तों की गवाही एवं राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रेस की रिपोर्ट शामिल है.

पुस्तक का लोकार्पण
राज्यपाल ने इस अवसर पर संताल हूल एंड इट्स लिजेसी और भारतीय जीवन दर्शन नामक पुस्तक का लोकार्पण किया. मौके पर सेंट्रल तसर रिसर्च इंस्टीट्यूट और नेशनल एकेडेमिक डिपॉजिट्री के लिए एनएसडीएल के साथ विश्वविद्यालय द्वारा एमओयू किया गया. वहीं बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पालियो साइंस लखनऊ के साथ दामोदर बेसिन और राजमहल के फॉसिल्स पर अध्ययन और शोध के लिए कोलैबोरेशन किया.