इस दिवाली पटाखों से करें परहेज, लॉकडाउन खत्म होते ही तीन गुना बढ़ा प्रदूषण, पटाखे और बढ़ायेंगे

कोविड-19 के कारण लगे पूर्ण लॉकडाउन के दौरान राजधानी रांची की हवा स्वच्छ हो गयी थी. तब हवा में पीएम-10 की मात्रा 40 माइक्रो मिलीग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के आसपास थी. अनलॉक के बाद तेजी से हवा में प्रदूषण बढ़ा है

By Prabhat Khabar | November 7, 2020 6:24 AM

कोविड-19 के कारण लगे पूर्ण लॉकडाउन के दौरान राजधानी रांची की हवा स्वच्छ हो गयी थी. तब हवा में पीएम-10 की मात्रा 40 माइक्रो मिलीग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के आसपास थी. अनलॉक के बाद तेजी से हवा में प्रदूषण बढ़ा है, जो एक बार फिर बढ़ कर सामान्य से अधिक हो गया है. शुक्रवार को राजधानी में कई स्थानों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 120 से 150 माइक्रो मिलीग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के बीच था, जबकि सामान्यत: यह 60 के आसपास रहना चाहिए. विशेषज्ञों की मानें, तो आम दिनों में एक्यूआइ बढ़ रहा है. ऐसे में दिवाली के बाद भी वायु प्रदूषण का खतरा है. दिवाली पर अगर लोगों ने पूर्व के वर्षों की तरह ही पटाखे जलाये, तो आैसतन एक्यूआइ 180 के आसपास पहुंच जायेगा.

विशेषज्ञों का कहना है कि चूंकि इस बार दिवाली थोड़ी देर से हो रही है, ठंड भी आ गयी है. हवा के ऊपर नमी का लेयर बन गया है, इस कारण प्रदूषित हवा जल्द वातावरण से समाप्त नहीं होगा. ऐसे में अगर कोरोना वायरस इस हवा में शामिल हो गया, तो काफी परेशानी हो सकती है. बेंगलुरु स्थित संस्था सी-स्टेप की पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ प्रतिमा सिंह का कहना है कि कोरोना और वायु प्रदूषण का संभावित तालमेल एक चुनौती है. अगर लोग इस बार नहीं चेते, तो परेशानी बढ़ सकती है.

लॉकडाउन में स्वच्छ हो गया था वातावरण, अनलॉक होते तेजी से बढ़ा प्रदूषण, सामान्य से अधिक हुआ

प्रदूषण से कोरोना के संबंध को समझिए : भारत ने तो इस दिशा में कोई प्रयोग नहीं किया है, पर विश्व के कई राष्ट्रों ने प्रदूषण के दौरान कोविड के असर पर काम किया है. उन्होंने पाया है कि अगर वायुमंडल में अधिक प्रदूषण रहेगा, तो बीमारी ज्यादा फैलेेगी. इसके पीछे का विज्ञान स्पष्ट है. हवा के ऊपर का लेयर अगर नमी के कारण ब्लॉक रहेगा, तो वायु में मौजूद कण या अन्य पार्टिकल्स हवा में ही रहेंगे. यही कारण है कि फेफड़े से संबंधित रोगियों की परेशानी जाड़े में बढ़ जाती है, क्योंकि जाड़े में प्रदूषण ज्यादा होता है.

वायु व ध्वनि प्रदूषण

(दीपावली के दिन)

वर्ष पीएम-10 ध्वनि प्रदूषण

2019 175.96 88.2

2018 177.9 74.3

2017 130.0 86.2

2016 165.8 80.4

विशेषज्ञ बोले- दिवाली में पटाखों से होनेवाला प्रदूषण कोरोना मरीजों के लिए हो सकता है घातक

लॉकडाउन से अब तक झारखंड का एयर क्वालिटी इंडेक्स काफी बढ़ गया है, जबकि सड़कों पर बहुत दबाव नहीं है. जाड़े में प्रदूषण बढ़ता है. हवा में ज्यादा प्रदूषण होगा, तो कोरोना के बड़े खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता है. इस कारण सीड ने इस बार दिवाली मनायें जिम्मेदारी के साथ.. अभियान की शुरुआत की है. लोगों से अपील की जा रही है कि प्रदूषण कम करें.

– अंकिता, वरीय वैज्ञानिक, सीड

Also Read: हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने किया अध्यन, कहा- वायु प्रदूषण और कोरोना में संबंध, जानिये और क्या आया रिसर्च का परिणाम..

प्रदूषण आम समस्या है. केवल एक पर्व का बहाना बना कर दबाव नहीं बनायें. इसकी समस्या को समझें. यह बढ़ेगी, तो परेशानी हमेशा बढ़ेगी. दीपावली के दिन प्रदूषण होता है. इससे 15 दिनों पहले वायु क्या ठीक रहता या 15 दिनों के बाद बिगड़ा रहता है. बस एक-दो दिनों के बाद हम फिर पुरानी स्थिति में आ जाते हैं. इसलिए प्रदूषण से बचने की लड़ाई लंबी लड़नी होगी.

– डॉ आत्री गंगोपाध्याय, छाती रोग विशेषज्ञ

Also Read: Vegetables Price: आसमान छू रहा सब्जियों का भाव, दाम कम करने के लिए लोग कर रहे हैं ये उपाये

Posted by : pritish sahay

Next Article

Exit mobile version