Dhanbad News : कॉमिक्सों के माध्यम से लैंगिक समानता की समझ विकसित करेंगी आवासीय विद्यालयों की छात्राएं

छात्राओं को उपलब्ध कराये जा रहे यूनिसेफ द्वारा विकसित 10 कॉमिक्स “आधा फुल” के विशेष संग्रह

By NARENDRA KUMAR SINGH | August 20, 2025 1:29 AM

कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय और झारखंड बालिका आवासीय विद्यालयों में किशोरावस्था की भागीदारी को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से जीवन कौशल विकास पर आधारित एक व्यापक कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत यूनिसेफ द्वारा विकसित 10 कॉमिक्स “आधा फुल” का विशेष संग्रह छात्राओं को उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि वे लैंगिक समानता, शारीरिक शर्म और भावनात्मक विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों की गहरी समझ विकसित कर सकें. साथ ही एक केवाइओएन कार्ड भी तैयार किया गया है. इसका उपयोग अभिभावक–शिक्षक बैठक (पीटीएम) के दौरान अभिभावकों को इस पहल से जोड़ने के लिए किया जायेगा.

ट्रेनिंग दी गयी :

झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद व यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन मंगलवार को किया गया. इसमें राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अविनव कुमार, यूनिसेफ की शिक्षा विशेषज्ञ पारुल शर्मा व सामाजिक व्यवहार परिवर्तन विशेषज्ञ जोशीला पल्लपति के अलावा धनबाद समेत अन्य जिलों से मास्टर ट्रेनर्स ने भाग लिया. इसके अतिरिक्त देवनेट, ड्रीम एंड ड्रीम, उगम फाउंडेशन तथा प्लान इंडिया के रिसोर्स पर्सन भी उपस्थित रहे. आत्मविश्वास बढ़ेगा : कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए डॉ अविनव कुमार ने कहा कि बच्चों के समग्र विकास के लिए जीवन कौशल अत्यंत आवश्यक है. उनके अनुसार इस पहल से किशोरों में न केवल आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि वे सामाजिक चुनौतियों का सामना भी मजबूती से कर सकेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि अभिभावकों की सक्रिय भागीदारी से इस कार्यक्रम की प्रभावशीलता कई गुणा बढ़ जायेगी.

एक संवेदनशील दौर है किशोरावस्था :

पारुल शर्मा ने कहा कि आज भी अनेक बच्चियां रंग–रूप और शारीरिक बनावट को लेकर स्थापित रूढ़ीवादी सोच के कारण हीन भावना का शिकार हो जाती हैं. इसलिए यह जरूरी है कि उन्हें यह संदेश दिया जाये कि आत्मसम्मान सबसे महत्वपूर्ण है और किसी भी प्रकार के बाहरी मापदंडों को स्वयं पर थोपने की आवश्यकता नहीं है. जोशीला पल्लपति ने कहा कि किशोरावस्था एक संवेदनशील दौर है, जहां बच्चों को मार्गदर्शन और समर्थन की सबसे अधिक आवश्यकता होती है. “आधा फुल” कॉमिक्स और केवाइओएन कार्ड उन्हें संवेदनशील विषयों पर खुलकर सोचने और अपने अनुभव साझा करने का अवसर प्रदान करेगा. यह पहल न केवल छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ायेगी, बल्कि परिवारों एवं समुदायों को भी सकारात्मक बदलाव की ओर प्रेरित करेगी.

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