Dhanbad News: धनबाद सहित राज्य के 24 सीएचसी में खुलेगी स्टेमी केयर यूनिट
Dhanbad News: हृदयाघात के मरीजों को मिलेगा गोल्डन आवर में जीवनरक्षक चिकित्सा
Dhanbad News: हृदयाघात के मरीजों को मिलेगा गोल्डन आवर में जीवनरक्षक चिकित्सा
विक्की प्रसाद, धनबाद:
दिल का दौरा यानी एसटी एलिवेशन मायोकॉर्डियल इंफ्रैक्शन (स्टेमी) के मामलों में त्वरित उपचार सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग नयी चिकित्सा सेवा शुरू करने की तैयारी में है. इसके तहत राज्य के छह जिलों में संचालित 24 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में स्टेमी केयर यूनिट खोले जायेंगे. इसमें धनबाद जिले के चार प्रमुख केंद्र भी शामिल हैं. धनबाद सदर सीएचसी, बाघमारा सीएचसी, गोविंदपुर सीएचसी व झरिया सीएचसी में स्टेमी केयर यूनिट शुरू होगी. यह सुविधा एनपी-एनसीडी कार्यक्रम के तहत शुरू की जायेगी. इसके लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों के लिए राशि आवंटित कर दी गयी है. योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में हृदयाघात के मरीजों को गोल्डन आवर के दौरान जीवनरक्षक उपचार उपलब्ध कराना है. ताकि मृत्यु दर में कमी लायी जा सके. जिले में स्टेमी केयर यूनिट की स्थापना को लेकर सभी चयनित सीएचसी को आवश्यक उपकरण, प्रशिक्षित मानव संसाधन और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.स्वास्थ्य विभाग का एसओपी जारी
सीएचसी में बनने वाली स्टेमी केयर यूनिट के लिए एसओपी जारी कर दिया गया है. इसके तहत इन स्वास्थ्य केंद्राें में 12 लीड इसीजी की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी. स्टेमी की पहचान में इसीजी सबसे महत्वपूर्ण जांच है. सीएचसी स्तर पर 12 लीड इसीजी मशीन उपलब्ध रहेगी ताकि मरीज में संदिग्ध हृदयाघात के लक्षण दिखते ही तुरंत जांच कर चिकित्सा उपलब्ध करायी जा सके. इसके अलावा स्वास्थ्य केंद्रों में इ-संजीवनी के माध्यम से विशेषज्ञ परामर्श उपलब्ध करायी जायेगी. इसीजी रिपोर्ट का त्वरित आकलन और उपचार शुरू करने के लिए इ-संजीवनी टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जायेगा. इससे सीएचसी के चिकित्सक जिला अस्पताल समेत रिम्स के विशेषज्ञों से तत्काल राय ले सकेंगे. वहीं यूनिट में थ्रोम्बोलाइटिक इंजेक्शन उपलब्ध रहेंगे. इसकी मदद से मरीजों के अवरुद्ध हृदयधमनियों को समय रहते खोला जा सकेगा. यह जीवनरक्षक दवा गोल्डन आवर में देना अत्यंत आवश्यक होता है. स्टेमी केयर के लिए सीएचसी स्तर पर एमबीबीएस डॉक्टर, इसीजी तकनीशियन और नर्सिंग स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा. यूनिट में 60-90 मिनट बाद रिपीट कर रीपरफ्यूजन थेरेपी सुनिश्चित की जायेगी.
आवश्यक होने पर जिला समेत सक्षम अस्पताल रेफर किये जायेंगे मरीज
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार आवश्यक होने पर स्टेमी केयर यूनिट पहुंचे मरीज को जिला अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में रेफर किया जायेगा. स्टेम केयर यूनिट में यदि मरीज की स्थिति गंभीर है या सीएचसी स्तर पर आगे उपचार संभव नहीं है, तो 108 एंबुलेंस के माध्यम से मरीज को रिम्स व एम्स देवघर या अन्य सक्षम मेडिकल कॉलेज भेजा जायेगा. जहां एंजियोप्लास्टी, एंजियोग्राफी संबंधित चिकित्सा सेवा उपलब्ध है.उपकरणों की खरीद व इंस्टॉलेशन शीघ्र पूरा करने का निर्देश
स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने सभी चयनित सीएचसी को निर्देश दिया है कि आवश्यक उपकरणों की खरीद और इंस्टॉलेशन शीघ्र पूरी की जाये. दवाओं का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित रखा जाये. प्रशिक्षित मानव संसाधन की प्रतिनियुक्ति तत्काल प्रभाव से की जाये. मरीजों को रेफरल प्रोटोकॉल के अनुसार समय पर सक्षम अस्पताल भेजा जाये.पहली बार 24 सीएचसी में स्टेम केयर यूनिट में होगा इलाज
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार धनबाद समेत राज्य में बड़ी संख्या में मरीज समय पर हृदय रोग का इलाज नहीं मिलने के कारण जान गंवाते हैं. ऐसे में 24 सीएचसी में स्टेमी केयर यूनिट का खुलना स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है. यह पहली बार है जब राज्य सरकार प्रखंड स्तर पर अंतरराष्ट्रीय मानक की हृदयाघात आपात सेवा उपलब्ध कराने जा रही है.इन जिलों के सीएचसी में खुलेगा स्टेमी केयर यूनिट
धनबाद : धनबाद सदर, बाघमारा, गोविंदपुर व झरिया बोकारो : चंदनकियारी, पेटरवार, गोमिया व नावाडीहईस्ट सिंहभूम : बहरागोड़ा, घाटशिला, पोटका व पटमदाखूंटी : खूंटी व मुरहूलोहरदगा : भंदरा व किस्सो
रांची : अंगारा, कांके, मंदार, नामकुम, ओरमांझी, रातू, बुंडू, चान्होीडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
