Dhanbad News: एनसीडी स्क्रीनिंग में धनबाद समेत सात जिलों का प्रदर्शन खराब

नन कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) की रोकथाम को लेकर चल रहे राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) के तहत झारखंड में स्क्रीनिंग की रफ्तार बेहद धीमी है.

By ASHOK KUMAR | November 6, 2025 1:06 AM

झारखंड को मिला है 1.47 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग का लक्ष्यधनबाद और चतरा में सबसे कम मात्र सात फीसदी हुई स्क्रीनिंग

धनबाद.

नन कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) की रोकथाम को लेकर चल रहे राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) के तहत झारखंड में स्क्रीनिंग की रफ्तार बेहद धीमी है. एनसीडी के राज्य नोडल पदाधिकारी ने धनबाद समेत बोकारो, पलामू, रामगढ़, देवघर, गिरिडीह और चतरा जिलों के सिविल सर्जन और जिला नोडल पदाधिकारियों को पत्र जारी कर इस पर कड़ी नाराजगी जतायी है. उन्होंने तीन दिन के अंदर कारण बताने और शेष माह में लक्ष्य प्राप्ति के लिए ठोस कार्ययोजना भेजने का निर्देश दिया है. वहीं खराब प्रदर्शन पर धनबाद में डीडीएम सीमा कुमारी व डीपीए लालदेव रजक को शोकॉज किया गया है.

झारखंड को 1,47,86,310 लोगों की एनपी-एनसीडी स्क्रीनिंग का लक्ष्य

भारत सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए झारखंड को कुल 1,47,86,310 लोगों की एनपी-एनसीडी स्क्रीनिंग का लक्ष्य दिया गया है. इसमें मधुमेह (डायबिटीज), उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन), मुख, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर की जांच शामिल है. लेकिन अक्तूबर 2025 तक की समीक्षा में राज्य के कई जिलों का प्रदर्शन बेहद खराब मिला है.

स्क्रीनिंग में धनबाद और चतरा सबसे पीछे

14 अक्तूबर 2025 को हुई राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में स्पष्ट हुआ कि धनबाद और चतरा जिले ने मात्र सात फीसदी लोगों की ही स्क्रीनिंग हुई है. यह लक्ष्य की तुलना में अत्यंत कम है. वहीं बोकारो, पलामू और रामगढ़ ने नौ-नौ प्रतिशत, देवघर व गिरिडीह में आठ प्रतिशत के करीब स्क्रीनिंग हुई है.

समय पर लक्ष्य पूरा नहीं, तो घटेगा प्रदर्शन मूल्यांकन

समीक्षा बैठक में भारत सरकार के प्रतिनिधियों ने भी झारखंड के प्रदर्शन पर चिंता जतायी है. यदि स्क्रीनिंग की गति नहीं बढ़ी, तो राज्य का प्रदर्शन सूचकांक प्रभावित होगा. इससे भविष्य में फंड आवंटन पर असर पड़ेगा. राज्य नोडल पदाधिकारी ने इन जिलों से इतनी कम प्रगति का कारण कौन सी बाधाएं थीं, इसकी जानकारी मांगी है.

स्क्रीनिंग क्यों है जरूरी

एनसीडी स्क्रीनिंग का उद्देश्य ऐसे मरीजों की पहचान करना है, जिनमें शुरुआती अवस्था में डायबिटीज, हाइपरटेंशन व कैंसर जैसी बीमारियों के संकेत मिलते है. समय पर जांच से इलाज संभव होता है और बीमारी के बढ़ने से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है. राज्य भर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर एनसीडी स्क्रीनिंग की व्यवस्था है.

जिलों में लापरवाही का आलम

धनबाद समेत अन्य जिलों के लक्ष्य से पिछड़ने के पीछे मुख्य कारण फील्ड स्तर पर नियमित शिविरों का अभाव व स्वास्थ्यकर्मियों की कम भागीदारी बतायी जा रही है. कई जगहों पर स्क्रीनिंग उपकरणों की कमी और इंटरनेट आधारित पोर्टल पर डेटा अपलोड होने में देरी भी बड़ी समस्या है.

जिलों में स्क्रीनिंग की स्थिति

जिला लक्ष्य मरीजों की स्क्रीनिंग की संख्याधनबाद 1203251 85326बोकारो 924830 86930पलामू 868495 77666रामगढ़ 425725 37572देवघर 261048 54321

गिरिडीह 1096744 82966चतरा 467503 31689

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है