Dhanbad News: आत्मनिर्भर भारत ही विकसित भारत की नींव
सिंफर में धूमधाम से मनाया गया सीएसआइआर का 84वां स्थापना दिवस
धनबाद.
सिंफर में मंगलवार को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) के 84वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इसके शुरुआत दीप प्रज्वलन कर निदेशक प्रो अरविंद कुमार मिश्रा ने की. इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने सीएसआइआर की 1942 में स्थापना से लेकर अब तक की वैज्ञानिक उपलब्धियों व राष्ट्र निर्माण में योगदान को रेखांकित किया. बताया कि संस्थान ने खानों का बंदीकरण, पर्यावरणीय स्थिरता, भारतीय सेना, डीआरडीओ और हवाई अड्डों को उल्लेखनीय तकनीकी सहायता प्रदान की है. उन्होंने खनन क्षेत्र की सुरक्षा व स्थिरता सुनिश्चित करने में संस्थान की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. कहा कि भविष्य में भी वैज्ञानिक समाधान के माध्यम से राष्ट्रीय समस्याओं को हल करने में संस्थान सक्रिय रहेगा.सीएसआइआर की प्रभावशाली सेवा की सराहना
विशिष्ट अतिथि सुब्रह्मण्यम राजगोपालन, पूर्व महानिदेशक, डीजीएमएस ने आठ दशकों से अधिक समय से सीएसआइआर की प्रभावशाली सेवा को सराहा. उन्होंने भारत में कोविड-19 महामारी के दौरान दिखाई गई आत्मनिर्भरता की प्रशंसा करते हुए कहा कि ””आत्मनिर्भर भारत”” ही ””विकसित भारत”” की नींव है. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और जापान की खनन प्रणाली का उदाहरण देते हुए डिजिटल माइनिंग एवं खनन सुरक्षा में आइटी आधारित समाधानों की आवश्यकता पर बल दिया. प्रो डीडी मिश्रा, अध्यक्ष अनुसंधान परिषद ने सीएसआइआर की स्थापना के प्रारंभिक दौर, खनन अनुसंधान में प्रशासनिक चुनौतियां और भारतीय समाज की आवश्यकताओं के अनुसार अनुसंधान की महत्ता पर प्रकाश डाला.
मुख्य अतिथि ने किया पुरस्कार वितरण
मुख्य अतिथि महेंद्र कुमार गुप्ता, संयुक्त सचिव (प्रशासन), सीएसआइआर ने ””आईटी-सक्षम अनुसंधान एवं विकास प्रशासन”” पर व्याख्यान दिया. उन्होंने संस्थान के कार्यों की सराहना करते हुए पारंपरिक प्रशासनिक बाधाओं को दूर करने और पेपरलेस डिजिटल प्रशासनिक प्रणाली की आवश्यकता पर जोर दिया. समारोह में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को स्मृति चिह्न और सीआइएमएफआर कर्मचारियों के बच्चों को उनकी उपलब्धियों के लिए पुरस्कार प्रदान किया. डॉ पीके बनर्जी, उत्कृष्ट वैज्ञानिक ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यक्रम के अंत में पौधरोपण किया गया.
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