Dhanbad News : गया पुल अंडरपास पर राजनीति तेज, पक्ष और विपक्ष में उतरे लोग, परेशानी बरकरार
रेल सूत्रों के अनुसार इस सड़क से बस व हाइवा ज्यादा माल लेकर गुजरेंगे तो वे हाइट गेज से टकरा सकते हैं. यह भी हो सकता है कि रेलवे ट्रैक के नीचे गार्डर से टक्कर हो जाये. इससे रेलवे ट्रैक को नुकसान हो सकता है.
गया पुल धनबाद वासियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. रोज लोग जाम में फंस रहे हैं. हालत यह है कि अब पुल के उस पार के लोग इस पार और इस पार के लोग उस पार जाने से कतराने लगे हैं. सबसे ज्यादा परेशानी रेलवे स्टेशन व मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाने वालों को हो रही है. अखबारों की सुर्खियों के साथ-साथ सोशल मीडिया और लोगों की जुबान पर भी हाल के दिनों में केवल गया पुल ही है. अब तो तरह-तरह के मीम भी बन रहे हैं. वहीं दूसरी ओर इसे लेकर प्रशासनिक अमला से लेकर राजनीतिक संगठन तक सक्रिय हो गया है. प्रशासन की परेशानी यह कि मौसम और रेलवे साथ नहीं दे रहा, तो रेलवे की परेशानी कुछ और है. हाल ही में उपायुक्त आदित्य रंजन ने पुल का निरीक्षण कर कई निर्देश दिये थे. दूसरी ओर राजनेताओं व विभिन्न संगठनों ने आंदोलन की बात कहते हुए आरोप-प्रत्यारोप भी लगाये थे. शनिवार नौ अगस्त की रात सांसद ढुलू महतो ने अपने समर्थकों के साथ पुल के नीचे मोरम, चिप्स डाल कर मरम्मत भी किया था. बावजूद इसके हालात जस के तस हैं. रविवार को भी परेशानी बरकरार रही, वहीं दूसरी ओर राजनीति भी तेज हो गयी है. रविवार को कांग्रेस हमलावर रही, तो कई संगठनों ने भी आरोप-प्रत्यारोप लगाया. इधर, आम-अवाम इस समस्या से निजात चाहता है. उसे अब इंतजार है कि मौसम ठीक होने से या फिर किसी भी तरह स्थिति सुधरे. पढ़ें किसने क्या कहा :
दिखावा नहीं, जमीन पर काम करने की जरूरत : कृष्णा अग्रवाल
धनबाद जिला मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष कृष्णा अग्रवाल ने बयान जारी कर कहा कि गया पुल अंडर पास पर दिखावा नहीं, जमीन पर काम करने की जरूरत है. सांसद, डीसी, एसएसपी और विधायक ने निरीक्षण व श्रमदान का दिखावा किया. लेकिन, गड्ढा भरने जैसी अस्थायी कार्रवाई जनता के घाव पर राजनीति का नमक छिड़कने जैसा है. उन्होंने इस मामले में समाजसेवी व पूर्व सांसद परमेश्वर अग्रवाल सीख से सीख लेने की सलाह दी. उन्होंने 25 वर्ष पहले बिना प्रचार-प्रसार के अपने निजी खर्च से पुल के नीचे की सड़क को आरसीसी ढलाई कर दुरुस्त कराया था.सांसद के श्रमदान से स्थिति और बिगड़ी : प्रभात सुरोलिया
शनिवार रात सांसद ने जो श्रमदान किया वो विशुद्ध राजनीतिक ड्रामा था. गया पुल अंडरपास के नीचे सड़क के गड्ढों को भरवाया लेकिन अफसोस है की जिस तामझाम के साथ सड़क बनाई गई वो, वह रात भर भी नहीं टिक सकी. हालत यह है जनता को ज्यादा परेशानी हो गयी. चारों ओर कीचड़ ही कीचड़ हो गया, गड्ढों की संख्या सांसद के वादों से भी ज्यादा हो चुकी है.गया पुल अंडरपास के समीप गड्ढे में मोरम डालने के बाद कीचड़मय हो गयी सड़क :
इतना ही नहीं पूरा मोरम एक तरफ हट गया और सड़क पर कीचड़ और बड़े-बड़े गड्ढे हो गये. इससे वाहन चालकों को काफी परेशानी हो रही है. इस वजह से सड़क जाम भी लग रही है. मामले की जानकारी मिलने पर आनन-फानन में रेलवे के अधिकारी पहुंचे और जांच की. रेल सूत्रों के अनुसार इस सड़क से बस व हाइवा ज्यादा माल लेकर गुजरेंगे तो वे हाइट गेज से टकरा सकते हैं. यह भी हो सकता है कि रेलवे ट्रैक के नीचे गार्डर से टक्कर हो जाये. इससे रेलवे ट्रैक को नुकसान हो सकता है. धनबाद-गया रेल खंड के परिचालन पर भी प्रभाव पड़ सकता है.पूजा टॉकीज से बैंकमोड़ तक जाम :
गया पुल के नीचे की स्थिति ज्यादा खराब हो गयी है. मिट्टी के कारण गड्ढा और ऊंचा नीचा हो गया है. मोरम एक तरफ हो गये हैं. इस वजह से आने-जाने वाली गाड़ियों को रुकना पड़ रहा था. अमूमन रविवार के दिन गया पुल व बैंक मोड़ में जाम की स्थिति नहीं रहती है. लेकिन, रविवार को पूजा टॉकिज से लेकर नया बाजार और बैंकमोड़ पुलिस से लेकर श्रमिक चौक तक जाम लगी रही. नये अंडरपास का निर्माण ही है असली समाधान : गया पुल में नये अंडरपास को लेकर कागजी कार्रवाई से लेकर राजनीति चाहे जो भी हो, पर सभी जानते हैं कि इसका एक मात्र समाधान इस पुल का चौड़ीकरण ही है. जब तक यह नहीं होता, इसका कोई समाधान नहीं होगा. इसकी राह में आ रहे रोड़ा को दूर करने की कवायद और कागज कहां फंसा हुआ है, इसे जानना चाहते हैं लोग.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
