Dhanbad News: क्रिटिकल मिनरल्स व स्मार्ट माइनिंग क्षेत्र में पेयर संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगा आइआइटी आइएसएम
आइआइटी आइसएम में कार्यशाला का आयोजन. 150 से अधिक प्राध्यापकों को दिया गया प्रशिक्षण
– आइआइटी आइसएम ने अपने पेयर संस्थानों के शिक्षकों को दिया प्रशिक्षण
भारत की आत्मनिर्भरता व वैश्विक नेतृत्व के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास पर जोर वरीयसंवाददाता, धनबाद.
आइआइटी आइएसएम धनबाद अपने पेयर संस्थानों के साथ क्रिटिकल मिनरल्स और स्मार्ट माइनिंग पर मिलकर शोध करेगा. इसके लिए रविवार को आइआइटी धनबाद में कार्यशाला आयोजन कर पांच पेयर संस्थानों के 150 से अधिक प्राध्यापकों व संकाय सदस्यों प्रशिक्षण दिया गया.
कार्यशाला में साझेदार संस्थानों के प्रतिनिधि हुए शामिल
यह कार्यशाला एएनआरएफ–पेयर श्रेणी-बी परियोजना पर आधारित थी. इसका विषय ”क्रिटिकल मिनरल्स अन्वेषण एवं स्मार्ट/सतत खनन के लिए अभिनव एवं अत्याधुनिक स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का विकास” था. परियोजना का नेतृत्व प्रो धीरज कुमार, उपनिदेशक, आइआइटी धनबाद कर रहे हैं. जबकि प्रो एजाज अहमद समन्वयक हैं. इसमें एनआइटी दुर्गापुर, एनआइटी जमशेदपुर, पटना विश्वविद्यालय, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (गोरखपुर) और विनोबा भावे विश्वविद्यालय (हजारीबाग) के प्रतिनिधि शामिल हुए.क्रिटिकल मिनरल्स की अहमियत पर जोर
कार्यशाला में मुख्य अतिथि पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी, अमेरिका के एमेरिटस प्रोफेसर राजा वी. रमणी ने कहा कि क्रिटिकल मिनरल्स स्वच्छ ऊर्जा, ई–मोबिलिटी, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण और रक्षा क्षेत्र की आधारशिला हैं. भारत की आत्मनिर्भरता व वैश्विक नेतृत्व के लिए इस क्षेत्र में स्वदेशी प्रौद्योगिकी का तत्काल विकास जरूरी है.अनुसंधान सहयोग और भविष्य की दिशा
आइआइटी आइएसएम धनबाद के निदेशक प्रो सुकुमार मिश्रा ने सहयोगात्मक अनुसंधान के माध्यम से संपूर्ण प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने पर जोर दिया. डीन (अनुसंधान एवं विकास) प्रो पार्थसारथी दास ने संस्थागत साझेदारी का महत्व बताया. इस दौरान सभी स्पोक संस्थानों के सह प्रधान अन्वेषकों के साथ चर्चा कर साझा अनुसंधान, अवसंरचना उपयोग, शिक्षक–छात्र गतिशीलता व उद्योग साझेदारी की रूपरेखा तय की गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
