Dhanbad News: एसएनएमएमसीएच में होगा डायबिटिक रेटिनोपैथी, ग्लूकोमा समेत आंखों के अन्य गंभीर बीमारियों का इलाज
Dhanbad News: शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) के नेत्र विभाग में जल्द ही अत्याधुनिक लेजर मशीन से आंखों का इलाज शुरू होने जा रहा है. अस्पताल प्रबंधन की ओर से लेजर मशीन की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
मशीन के इंस्टॉल होते ही धनबाद समेत आसपास के जिलों के हजारों नेत्र रोगियों को आधुनिक, सुरक्षित और सटीक उपचार की सुविधा एसएनएमएमसीएच में ही मिल सकेगी. यह पहल उन मरीजों के लिए बड़ी राहत साबित होगी जिन्हें अब तक इलाज के लिए रांची, कोलकाता व महंगे निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता था.
रेफर सिस्टम से मिलेगी मुक्ति
अब तक एसएनएमएमसीएच में लेजर सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण जटिल नेत्र रोगों से पीड़ित मरीजों को रांची स्थित रिम्स रेफर किया जाता था. इससे न केवल इलाज में देरी होती थी, बल्कि मरीजों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ जाता था. लेजर मशीन की उपलब्धता के बाद ऐसे मरीजों का इलाज अस्पताल परिसर में ही संभव हो सकेगा. इससे समय की बचत के साथ-साथ मरीजों और उनके परिजनों की परेशानी भी कम होगी.डायबिटिक रेटिनोपैथी, ग्लूकोमा का इलाज होगा संभव
नेत्र विभाग के एचओडी डॉ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि नई लेजर मशीन के माध्यम से आंखों से जुड़ी कयी गंभीर बीमारियों का सफल इलाज अस्पताल में किया जा सकेगा. इनमें मुख्य रूप से डायबिटिक रेटिनोपैथी, ग्लूकोमा, रेटिनल टियर, रेटिनल ब्लीडिंग, सेकेंडरी कैटरेक्ट (पोस्टेरियर कैप्सुलर ओपेसिफिकेशन) आदि शामिल है. खासतौर पर मधुमेह से पीड़ित मरीजों में आंखों की रोशनी बचाने के लिए लेजर थेरेपी को बेहद प्रभावी माना जाता है. समय पर लेजर उपचार मिलने से अंधेपन के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
कम समय में होगा सही और सुरक्षित इलाज
लेजर उपचार की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है. इसमें न तो बड़े ऑपरेशन की जरूरत होती है और न ही टांकों की. इलाज कुछ ही मिनटों में पूरा हो जाता है और मरीज उसी दिन घर लौट सकता है. संक्रमण का खतरा भी बेहद कम रहता है. लेजर तकनीक अत्यंत सटीक होती है, जिससे आंखों के स्वस्थ ऊतकों को नुकसान नहीं पहुंचता.गरीब और मध्यम वर्ग को होगा सबसे ज्यादा फायदा
एसएनएमएमसीएच में लेजर सुविधा शुरू होने से आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को बड़ा लाभ मिलेगा. निजी अस्पतालों में लेजर उपचार काफी महंगा होता है. जबकि एसएनएमएमसीएच में यह सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध कराई जायेगी. इससे गरीब और मध्यम वर्ग के मरीजों को भी उच्च गुणवत्ता का इलाज मिल सकेगा.डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों के लिए भी अवसर
लेजर मशीन की उपलब्धता से नेत्र विभाग के चिकित्सकों और मेडिकल छात्रों को भी लाभ मिलेगा. डॉक्टरों को आधुनिक तकनीक पर काम करने और अपनी दक्षता बढ़ाने का अवसर मिलेगा. वहीं पोस्टग्रेजुएट छात्रों को लेजर आधारित नेत्र उपचार का व्यावहारिक प्रशिक्षण मिल सकेगा. जिससे भविष्य में बेहतर विशेषज्ञ तैयार हो सकेंगे.मशीन की खरीदारी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है : अधीक्षक सह प्रभारी प्राचार्य
नेत्र विभाग के लिए लेजर मशीन की खरीदारी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. नए साल में मशीन का इंस्ऑलेशन पूरा होने की संभावना है. इससे नेत्र विभाग की दक्षता बढ़गी. वही आंखों के गंभीर बीमारी का इलाज अस्पताल में ही संभव होगा. आने वाले समय में नेत्र रोग विभाग को हाइटेक करने की तैयारी है. ताकि, मरीजों को निजी अस्पतालों का सहारा नहीं लेना पड़े. – डॉ डीके गिंदौरिया, अधीक्षक सह प्रभारी प्राचार्य, एसएनएमएमसीएचडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
