पेट चीरकर बोले डॉक्टर अंदर नहीं मिली पथरी

धनबाद : धनबाद के चिकित्सा जगत में यह अलग तरह का मामला है. अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन रिपोर्ट में पेट में दो-दो जगह पर पथरी होने की रिपोर्ट के बाद जब डॉक्टर ने ऑपरेशन किया तो कहा कि पथरी नहीं मिली. मरीज का पेट सी कर छुट्टी दे दी गयी. मरीज का मानना है कि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 17, 2020 8:51 AM

धनबाद : धनबाद के चिकित्सा जगत में यह अलग तरह का मामला है. अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन रिपोर्ट में पेट में दो-दो जगह पर पथरी होने की रिपोर्ट के बाद जब डॉक्टर ने ऑपरेशन किया तो कहा कि पथरी नहीं मिली. मरीज का पेट सी कर छुट्टी दे दी गयी. मरीज का मानना है कि उसके साथ खिलवाड़ किया गया है. ऑपरेशन आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रगति नर्सिंग होम सरायढेला में किया गया. रविवार को पीड़ित के परिजनों ने नर्सिंग होम पहुंच कर हंगामा किया.

क्या है मामला: जगजीवन नगर डॉक्टर्स कॉलोनी हनुमान मंदिर के समीप रहने वाले राजू यादव को कुछ समस्या थी. उसने प्रगति नर्सिंग होम में जांच करायी. चिकित्सक की सलाह पर उसने चार हजार 700 रुपये खर्च कर पहले अल्ट्रासाउंड और फिर सीटी स्कैन कराया. दोनों जांच में पथरी मिली. बांयी तरफ की किडनी में 3.8 एमएम व मूत्रनली में 10 एमएम साइज की पथरी है. डॉक्टर ने ही ऑपरेशन कराने को कहा. आयुष्मान योजना के तहत उसे भर्ती किया गया.
गत तीन फरवरी को ऑपरेशन किया गया. डॉक्टर ने परिजनों को बताया कि पथरी नहीं मिली है. घर जाने के बाद समस्या कम नहीं होने पर राजू ने 15 फरवरी को फिर से अल्ट्रासाउंड कराया. दोनों पथरी अपनी-अपनी जगह पर मिली. सीटी स्कैन में भी इसकी पुष्टि हुई. राजू के अनुसार डॉ बीके पुरोहित का कहना है कि दोबारा ऑपरेशन नहीं होगा. जहां चाहे, वहां शिकायत कर दो. कोई फर्क नहीं पड़ता है.
अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन में दो-दो पथरी होने की रिपोर्ट, आयुष्मान भारत योजना के तहत हुआ ऑपरेशन
चिकित्सीय असफलता या लापरवाही?
परिजनों ने प्रगति नर्सिंग होम में किया हंगामा
कहते हैं डॉक्टर
डॉ बीके पुरोहित का कहना है कि एक 6 एमएम की पथरी थी. लेकिन ऑपरेशन में वह नहीं मिल पायी. पूरी जानकारी देने के बाद मरीज को वापस भेज दिया गया था. वहीं अस्पताल के मालिक जयप्रकाश खेतान का कहना है कि ऑपरेशन हुआ था. लेकिन पूरे मामले की जानकारी नहीं है.
क्या नर्सिंग होम इसका बिल सरकार से लेगा? : क्या नर्सिंग होम इस असफल ऑपरेशन का बिल सरकार से लेगा? बिल कितना का बनेगा? यह सवाल भी उठ रहा है.

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