कोयलानगरी में राष्ट्रीय दलों का ही रहा है दबदबा, कांग्रेस व भाजपा के बीच है संघर्ष, जानें धनबाद विधानसभा क्षेत्र का लेखा-जोखा

संजीव झा कुल वोटर 425908 पुरुष वोटर 231712 महिला वोटर 194196 धनबाद : चार लाख से ऊपर मतदाता वाले कोयलानगरी के धनबाद विधानसभा क्षेत्र पर हमेशा राष्ट्रीय दलों का ही दबदबा रहा है. भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी यहां से जीतते रहे हैं. शहरी आबादी ज्यादा होने के कारण यहां क्षेत्रीय दलों का प्रभाव नहीं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 2, 2019 5:14 AM

संजीव झा

कुल वोटर

425908

पुरुष वोटर

231712

महिला वोटर

194196

धनबाद : चार लाख से ऊपर मतदाता वाले कोयलानगरी के धनबाद विधानसभा क्षेत्र पर हमेशा राष्ट्रीय दलों का ही दबदबा रहा है. भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी यहां से जीतते रहे हैं. शहरी आबादी ज्यादा होने के कारण यहां क्षेत्रीय दलों का प्रभाव नहीं के बराबर रहा है. अविभाजित बिहार के समय से ही वर्ष 1952 में ही धनबाद विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया.

पहले यहां कांग्रेस का दबदबा था. वर्ष 1977 में जब पूरे देश में कांग्रेस विरोधी लहर चल रहा था. तब भी धनबाद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के योगेश्वर प्रसाद योगेश विजयी हुए थे. इसके बाद 1980,85, 90 में भी यहां कांग्रेस के प्रत्याशी जीतते रहे. वर्ष 1995 में भाजपा के पशुपति नाथ सिंह ने जीत हासिल कर यहां कांग्रेस के गढ़ को ध्वस्त किया. श्री सिंह लगातार तीन बार यहां से जीते. वर्ष 2009 में कांग्रेस के प्रत्याशी मन्नान मल्लिक ने भाजपा के राज सिन्हा को हराया.

2014 में भाजपा के राज सिन्हा जीत गये. शहरी क्षेत्र होने के कारण धनबाद विधानसभा क्षेत्र में किसी एक जाति या वर्ग का दबदबा नहीं है. यहां हर वर्ग के मतदाता हैं. कोलियरी क्षेत्र भी है. संगठित व असंगठित मजदूरों की भी खासी संख्या है. यहां बड़ी संख्या में वैसे मतदाताओं की भी है, जो मूल रूप से बिहार या अन्य प्रदेश से आकर शहर में रह रहे हैं.

तीन महत्वपूर्ण कार्य जो हुए

1. कोयलांचल विश्वविद्यालय बना

2. एसपी के तीन पद सृजित किये गये

3. जमाडा को पुनरुद्धार पैकेज

तीन महत्वपूर्ण कार्य जो नहीं हुए

1. फ्लाइओवर का निर्माण नहीं हुआ

2. शहरी जलापूर्ति योजना अपूर्ण

3. 24 घंटे नियमित बिजली नहीं

घर-घर पानी पहुंचाया : राज

धनबाद के विधायक राज सिन्हा कहते हैं कि कई काम किये. यहां यूनिवर्सिटी बनवाया. जमाडा का पुनरुद्धार करवाया. ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति सुनिश्चित करायी. सड़कों की जाल बिछायी. लगातार क्षेत्र के लोगों के सुख-दु:ख मेें शामिल रहा.

पानी, बिजली भी नहीं : मन्नान

पांच वर्षों तक विधायक ने यहां कुछ काम नहीं किया. तीन वर्षों से ग्रामीण तो दूर शहरी क्षेत्र के लोगों को भी नियमित पानी नहीं मिल रहा. पर्व-त्योहार में भी यहां 12-14 घंटे बिजली गुल रहती है. सड़कें टूट रही हैं. विधायक फंड का केवल लूट-खसोट हुआ.

2005

जीते : पीएन सिंह, भाजपा

प्राप्त मत : 83692

हारे : मन्नान मल्लिक, कांग्रेस

प्राप्त मत : 62012

तीसरा स्थान : हालिम अंसारी, राजद

प्राप्त मत : 6191

2009

जीते : मन्नान मल्लिक, कांग्रेस

प्राप्त मत : 55641

हारे :राज कुमार सिन्हा, भाजपा

प्राप्त मत : 54751

तीसरा स्थान : नीरज सिंह , निर्दलीय

प्राप्त मत : 17800

2014

जीते : राज सिन्हा, भाजपा

प्राप्त मत : 132091

हारी : मन्नान मल्लिक, कांग्रेस

प्राप्त मत : 79094

तीसरा स्थान :रमेश कुमार राही, झाविमो

प्राप्त मत : 4195

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