कोयला मजदूरों ने दिखायी एकजुटता

पूंजीपतियों को खुश करने को लिया गया है फैसला : वासुदेव आचार्या धनबाद : कोयला उद्योग में 100 प्रतिशत एफडीआइ के विरोध एवं 24 सितंबर के प्रस्तावित एक दिवसीय हड़ताल के समर्थन में शुक्रवार को यूनियनों के संयुक्त मोर्चा ने बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन के समक्ष धरना दिया. धरना में काफी संख्या में कोयला मजदूर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 21, 2019 5:51 AM

पूंजीपतियों को खुश करने को लिया गया है फैसला : वासुदेव आचार्या

धनबाद : कोयला उद्योग में 100 प्रतिशत एफडीआइ के विरोध एवं 24 सितंबर के प्रस्तावित एक दिवसीय हड़ताल के समर्थन में शुक्रवार को यूनियनों के संयुक्त मोर्चा ने बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन के समक्ष धरना दिया. धरना में काफी संख्या में कोयला मजदूर शामिल हुए. संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने 24 की हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया. अध्यक्षता बच्चा सिंह, मन्नान मल्लिक, एसके बक्सी, केडी पांडेय, अर्जुन सिंह एवं आरके तिवारी की अध्यक्षमंडली ने एवं संचालन मानस चटर्जी ने किया. धरना के बीच में प्रबंधन के अधिकारियों ने धरनास्थल पहुंच कर ज्ञापन लिया.
नेताओं ने कहा : एफडीआइ का फैसला वापस ले सरकार : पूर्व सांसद एवं सीटू नेता वासुदेव आचार्या ने कहा 2014 में सत्ता में आते ही इस सरकार ने कोयला खनन के लिए विशेष अध्यादेश लाया, फिर व्यावसायिक खनन की छूट दी और अब एफडीआइ का निर्णय लिया है. आखिर विदेशी पैसे की जरूरत क्यों ? क्या हमारे पास पैसा नहीं है? उन्होंने कहा कि ये सब विदेशी पूंजीपतियों को खुश करने के लिए किया जा रहा है. एफडीआइ का फैसला वापस नहीं लिया जाता है तो लड़ाई लड़नी होगी.
उन्होंने 24 की हड़ताल को शत प्रतिशत सफल करने की अपील की. एटक नेता व जेबीसीसीआइ सदस्य लखनलाल महतो ने कहा कि सरकार ने एफडीआइ के साथ साथ कोल इंडिया की 222 खदानों एवं वाशरियों को निजीकरण का फैसला लिया है. इसका सबसे अधिक बुरा प्रभाव बीसीसीएल पर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यदि एक दिन की हड़ताल में सरकार नहीं झुकी तो अनश्चितकालीन हड़ताल की जायेगी.
पूर्व मंत्री व इंटक नेता ओपी लाल ने कहा कि कोयला मजदूरों की ताकत ही कोल इंडिया को बचा सकती है. पूर्व मंत्री व जनता मजदूर संघ के महामंत्री बच्चा सिंह ने कहा सरकार के फैसले ने कोल इंडिया के लिए अभूतपूर्व संकट पैदा कर दिया. उन्होंने मतभेदों को दरकिनार कर 24 की हड़ताल को सफल करने का आह्वान किया. इंटक नेता मन्नान मल्लिक ने कहा मोदी सरकार सारे पब्लिक सेक्टर को बेच देना चाहती है. सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना होगा. सीटू नेता एसके बक्सी ने कहा कि एक दिन की हड़ताल के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे.
इन्होंने भी संबोधित किया : एके झा, केके कर्ण, केडी पांडेय, अरविंद कुमार सिंह, बिनोद मिश्र, आरपी सिंह, सुभाष सिंह, अशोक साव, सुग्रीव सिंह, मुंद्रिका पासवान, युद्धेश्वर सिंह, बीके झा, लगनदेव यादव, सुरेश गुप्ता, केबी सिंह, एसएस डे, जेके झा, सुरेश झा, प्रदीप सिन्हा, स्टाफ को-ऑर्डिनेशन के उदय सिंह आदि. इससे पूर्व बच्चा सिंह समर्थकों के जुलूस के साथ धरनास्थल पहुंचे. कुसुंडा एरिया जमसं (कुंती गुट) के एरिया सचिव अरविंद कुमार सिंह के नेतृत्व जुलूस धरना में शरीक हुआ.

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