अनुशासनिक कार्रवाई की फाइल गायब हो गयी नगर निगम के कार्यालय से

धनबाद : अपर नगर आयुक्त महेश संथालिया के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की फाइल नगर निगम कार्यालय से गायब हो गयी है. नगर आयुक्त ने सहायक अमर कुमार अंबष्ठ व रवींद्र भगत को शो-कॉज किया है. दोनों सहायकों से पूछा गया है कि 23 अगस्त 2018 को अपर नगर आयुक्त महेश कुमार संथालिया के विरुद्ध अनुशासनिक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 22, 2019 5:41 AM

धनबाद : अपर नगर आयुक्त महेश संथालिया के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की फाइल नगर निगम कार्यालय से गायब हो गयी है. नगर आयुक्त ने सहायक अमर कुमार अंबष्ठ व रवींद्र भगत को शो-कॉज किया है. दोनों सहायकों से पूछा गया है कि 23 अगस्त 2018 को अपर नगर आयुक्त महेश कुमार संथालिया के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने से संबंधित 34 पृष्ठों का शिकायत पत्र कार्मिक को भेजा गया था. इससे संबंधित संचिका नगर निगम कार्यालय में नहीं है. दो दिनों के अंदर जवाब दें.

…और अपर नगर आयुक्त का हो गया ट्रांसफर : लंबे समय से अनुशासनिक कार्रवाई की फाइल गायब है. सरकार के संयुक्त सचिव अशोक कुमार खेतान ने 15 अक्तूबर 2018 को नगर आयुक्त को पत्र लिखा था. जिसमें अपर नगर आयुक्त के विरुद्ध प्रतिवेदित आरोपों को प्रपत्र क में गठित कर साक्ष्य सहित उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था.
तीन माह के बाद नगर आयुक्त चंद्रमोहन कश्यप को अनुशासनिक कार्रवाई से संबंधित संचिका की याद आयी. खोज-बीन शुरू हुई तो नगर निगम कार्यालय में फाइल नहीं मिली. 5 जनवरी 2019 को दोनों सहायकों से संचिका के संबंध में शो कॉज किया गया. इसी बीच चार दिन पहले अपर नगर आयुक्त महेश संथालिया का तबादला दुमका हो गया है.
कार्मिक विभाग को भेजे पत्र में अपर नगर आयुक्त पर क्या है आरोप : तत्कालीन नगर आयुक्त राजीव रंजन के कार्यकाल में 23 अगस्त 2018 को अपर नगर आयुक्त महेश संथालिया के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए कार्मिक विभाग को पत्र लिखा गया था. जिसमें स्वच्छ भारत मिशन के तहत विगत आठ माह से एक भी शौचालय नहीं बनना, कार्य में शिथिलता, लापरवाही, कार्य के प्रति अरुचि, अनुशासनहीनता, उच्च अधिकारियों के आदेश की अवहेलना एवं कर्तव्य विमुखता, अर्जित अवकाश बिना स्वीकृत कराये अवकाश पर चले जाना, एसबीएम के तहत विभिन्न वित्तीय वर्षों में धनबाद नगर निगम को प्राप्त राशि के लेखा-जोखा में बरती गयी शिथिलता, साफ-सफाई, कर्मी, चालक, साफ सफाई में उपयोगिता वाहनों के ईंधन के भुगतान में अनियमितता, प्रधानमंत्री आवास योजना में लापरवाही, विभागीय कार्यालय पत्रों के रिसीव नहीं करना, मुख्यमंत्री जन संवाद में प्राप्त शिकायतों के निष्पादन में लापरवाही व शिथिलता तथा नगर आयुक्त की अनुपस्थिति में उक्त पद भार का दायित्व निभाना आदि आरोप प्रतिवेदित किये गये हैं.

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