धनबाद : आइएसएम ब्लेजर घोटाला में फंसे पूर्व सहायक रजिस्टार, दर्ज हुई प्राथमिकी

धनबाद : आइएसएम (आइआइटी) में ब्लेजर घोटाला में सीबीआइ ने संस्थान के पूर्व सहायक रजिस्टार सहित तीन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. सीबीआइ द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आइआइटी आइएसएम के तत्कालीन सहायक रजिस्टार (परचेज एवं स्टोर) अशोक कुमार गुप्ता, मेसर्स ललिता होजयिरी लाइफस्टाइल प्राइवेट लिमिटेड धनबाद के निदेशक रवींद्र कुमार सिंह, मे. अमित इंटरप्राइजेज […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 28, 2018 6:35 AM
धनबाद : आइएसएम (आइआइटी) में ब्लेजर घोटाला में सीबीआइ ने संस्थान के पूर्व सहायक रजिस्टार सहित तीन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. सीबीआइ द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आइआइटी आइएसएम के तत्कालीन सहायक रजिस्टार (परचेज एवं स्टोर) अशोक कुमार गुप्ता, मेसर्स ललिता होजयिरी लाइफस्टाइल प्राइवेट लिमिटेड धनबाद के निदेशक रवींद्र कुमार सिंह, मे. अमित इंटरप्राइजेज रांची के मालिक अमित कुमार जैन तथा अन्य अज्ञात को अभियुक्त बनाया गया है.
इन सभी पर ब्लेजर क्रय व आपूर्ति के नाम पर 22 लाख 37 हजार 46 रुपये के गबन करने का आरोप है. आइआइटी आइएसएम द्वारा 31 मार्च 2015 को 2275 ब्लेजर क्रय के लिए निविदा निकाली गयी थी. इसमें शर्त थी कि ब्लेजर का कपड़ा रीड एंड टेलर इंडिया लिमिटेड का होना चाहिए. यह टेंडर तत्कालीन सहायक रजिस्टार अशोक कुमार गुप्ता द्वारा ही निकाला गया था.
सीबीआइ जांच में हुआ खुलासा : ब्लेजर की आपूर्ति में गड़बड़ी की शिकायत पर सीबीआइ ने जांच शुरू की. जांच में पता चला कि मेसर्स अमित इंटरप्राइजेज ने मेसर्स ललिता होजियरी को रीड एंड टेलर के कपड़े की कोई आपूर्ति ही नहीं की थी.
जो बिल आइएसएम प्रबंधन को दिया गया, उन विपत्रों के जरिये मेसर्स नवदीप वस्त्रालय डालटेनगंज, मेसर्स बिनोद वस्त्रालय लोहरदगा, मेसर्स सुरुचि रांची, मेसर्स माहेश्वरी क्लोथ स्टोर गुमला को कपड़े की आपूर्ति की गयी थी. मेसर्स अमित इंटरप्राइजेज पर फर्जी विपत्र व सर्टिफिकेट देने का मामला जांच में सामने आया. इसी जांच के आधार पर सीबीआइ धनबाद ने 26 दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज की.

Next Article

Exit mobile version