Deoghar news : मनरेगा डोभा निर्माण में जेसीबी का इस्तेमाल , ग्रामीणों ने बीडीओ ओर डीसी से की शिकायत
देवघर के सारठ की कैराबांक पंचायत के ममरजोरी गांव में मनरेगा एक्ट के उल्लंघन का मामला सामने आया है, जहां कर्मियों व बिचौलियों की मिलीभगत से जेसीबी से डोभी की खुदाई की गयी.
सारठ बाजार . सारठ प्रखंड में मनरेगा एक्ट नियम को ताक में रखकर काम किये जा रहे है. इस क्रम में पंचायत सेवक, रोजगार सेवक ओर बिचौलियों के द्वारा प्रखंड की कैराबांक पंचायत के ममरजोरी गांव में मनरेगा स्वीकृत डोभा की जेसीबी मशीन से खुदाई का मामला सामने आया है. मनरेगा डोभा में जेसीबी मशीन से काम करने को लेकर ग्रामीणों ने इसकी शिकायत बीडीओ ओर डीसी से की है. ग्रामीणों ने बताया है कि प्रखंड से मनरेगा योजना के तहत चार लाख 34 हजार की लागत से कैराबांक पंचायत के ममरजोरी गांव में भूखलाल मंडल के नाम 100 बाय 100 के डोभा की स्वीकृति 2018-19 में हुई थी . जिसका वर्क कोड 3422008016/IF/ 708090स1308841 है, जिसमे मार्च 2019 में एफटीओ के माध्यम से मजदूरों की मजदूरी का भुगतान 53 हजार 353 रुपये हो भी चुका है.
24 फरवरी की रात में बिचौलियों ने जेसीबी से करायी खुदाई
डोभा में लगे सूचना पट को बिचौलिया द्वारा तोड़ कर बीते 24 फरवरी की रात को जेसीबी से उक्त डोभा की खुदाई करायी है. जेसीबी से डोभा खुदाई को लेकर ग्रामीणों ने बीडीओ को लिखित शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है. ग्रामीण अशोक साह, अरुण मंडल, गणेश मंडल रासबिहारी मंडल , योगेंद्र मंडल महेंद्र मंडल आदि ग्रामीणों ने बीडीओ को दिए लिखित शिकायत में जिक्र किया है कि अशोक साह की जमीन पर भूखलाल मंडल के नाम से वित्तीय वर्ष 2018-19 में मनरेगा द्वारा 100×100 डोभा की स्वीकृति मिली थी. चार वर्ष बीतने के बाद भी डोभा निर्माण का कार्य पूरा नहीं किया गया.
क्या कहते हैं ग्रामीण व मनरेगा लोकपाल
ग्रामीण कहते है कि चार वर्ष बीतने के बाद राशि की बंदरबाट करने को लेकर पंचायत के रोजगार सेवक व बिचौलियों की मिली भगत से जेसीबी मशीन से डोभा की खुदाई कर मजदूरों के अधिकार छीने जा रहे हैं. ग्रामीणों ने मामले को लेकर बीडीओ से योजना की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं मामले में लोकपाल कल्पना झा ने कहा कि मनरेगा योजनाओं में जेसीबी मशीन से काम करना अपराध है मामले की जांच कर दोषी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.
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