देवघर एम्स में टीएमएस सेवा शुरू, मानसिक व न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का होगा इलाज
एम्स में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त बनाते हुए मनोचिकित्सा विभाग में ट्रांसक्रेनियल मैग्नेटिक स्टिमुलेशन (टीएमएस) सेवाओं का शुभारंभ एम्स के निदेशक डॉ सौरभ वार्ष्णेय ने किया.
संवाददाता, देवघर : एम्स में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त बनाते हुए मनोचिकित्सा विभाग में ट्रांसक्रेनियल मैग्नेटिक स्टिमुलेशन (टीएमएस) सेवाओं का शुभारंभ एम्स के निदेशक डॉ सौरभ वार्ष्णेय ने किया. टीएम यह अत्याधुनिक तकनीक मानसिक व न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए नयी आशा लेकर आयी है. टीएमएस एक आधुनिक गैर-आक्रामक (नन इनवेसिव) तकनीक है, जिसका उपयोग मानसिक और न्यूरोलॉजिकल संबंधी बीमारियों के इलाज में किया जाता है. डॉक्टरों के अनुसार डिप्रेशन, ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर, एंग्जायटी, सिजोफ्रेनिया, माइग्रेन, स्ट्रोक से जुड़ी समस्याओं और अन्य कई मानसिक व न्यूरोलॉजिकल बीमारियों में टीएमएस तकनीक से बेहतर इलाज किया जाता है. टीएमएस तकनीक के जरिये मस्तिष्क के विशेष हिस्सों पर चुंबकीय तरंगें भेजी जाती हैं. ये तरंगें मस्तिष्क के नसों को उत्तेजित करती हैं, जिससे मस्तिष्क की असंतुलित गतिविधियां नियंत्रित होकर सामान्य होने लगती हैं. इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि मरीज को किसी ऑपरेशन या दवा के भारी दुष्प्रभाव झेलने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. यह तकनीक विशेष रूप से उन मरीजों के लिए कारगर है, जिन पर पारंपरिक दवा और इलाज का प्रभाव नहीं पड़ता है. टीएमएस तकनीक के जरिये इलाज होने से दवाओं की तुलना में बहुत कम साइड इफैक्ट होता है. इस तकनीक के इलाज से मानसिक व न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से जूझ रहे मरीजों का लंबे समय तक दवा पर निर्भरता घटती है और मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं. निदेशक डॉ वार्ष्णेय ने बताया कि देवघर एम्स पूर्वी भारत का एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान बनता जा रहा है और यहां टीएमएस जैसी आधुनिक सुविधा के शुरू होने से पूरे राज्य के संबंधित बीमारियों से ग्रसित रोगियों को लाभ होगा. इस सेवा से मरीजों को लंबी अवधि की दवा पर निर्भरता कम होगी. इस मौके पर डीन डॉ प्रतिमा गुप्ता, मनोरोग चिकित्सक डॉ शांतनु सहित अन्य डॉक्टर व कर्मी थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
