पेसा कानून की मंजूरी सरकार की सराहनीय कदम : विधायक
पेसा कानून आदिवासियों की परंपराओं की करेगा रक्षा : चुन्ना सिंह
सारठ. झारखंड राज्य के आदिवासियों के हक व अधिकार के लिए वर्ष 2025 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पेसा नियमावली लाकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. यह बातें सारठ विधायक उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह ने गुरुवार को पत्रकारों से कही. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सरकार के कैबिनेट के द्वारा कल पेसा नियमावली को मंजूरी देने एक ऐतिहासिक कदम है. विधायक ने कहा कि जिस उद्देश्य को लेकर झारखंड का निर्माण हुआ था. आज वह उद्देश्य को पूरा सही मायने में हेमंत सरकार ने कर दिखाया. पेसा कानून से अनुसूचित जनजाति समाज के लिए एक उत्थान व खुद को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि पेसा कानून की कई धाराओं में आदिवासी समाज के परंपरा धार्मिक प्रथाओं का संरक्षण का प्रावधान है. ग्रामसभा को अपना विशेष अधिकार के साथ गांव के विद्यालय, हॉस्पिटल पर नियंत्रण भी रहेगा. ग्रामसभा को संवैधानिक भूमिका दी है, जिसके तहत दो हजार तक दंड करने का अधिकार तक किया गया है. इसके लागू होने से आदिवासी गांव-समाज के लिए जमीनी स्तर से सशक्तीकरण के रास्ते खुलेंगे. उन्हें हर क्षेत्र में भागीदारी का मौका मिलेगा. पिछले 25 वर्षों से झारखंड में पेसा पर सिर्फ विपक्षी पार्टियों की राजनीति में रखा, लेकिन मुख्यमंत्री का यह निर्णय आदिवासी परंपरा, उनकी संस्कृति व प्रथाओं की रक्षा करने का अधिकार है. यह झारखंड राज्य ही नहीं देश में अनुकरणीय होगा. विधायक सिंह ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 2025 में पेसा नियमावली लागू करने का इतिहास लिखने के लिए बधाई दी है. हाइलार्ट्स : पेसा कानून आदिवासियों की परंपराओं की करेगा रक्षा : चुन्ना सिंह पेसा कानून से आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन के अधिकारों को मिलेगी मजबूती : विधायक
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