जल स्रोतों की पहचान के लिए कर्मियों को मिला प्रशिक्षण
सारठ: जल शक्ति मिशन के तहत जनसेवकों को दिया गया एक दिवसीय प्रशिक्षण
सारठ. ब्लॉक में सोमवार को जल शक्ति मिशन योजनांतर्गत सप्तम लघु सिंचाई व सेकेंड वाटर बॉडीज सेंसस के लिए सभी जनसेवकों, पंचायत सचिवों व संबंधित कर्मियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण में लघु सिंचाई प्रमंडल के कनीय अभियंता सह प्रशिक्षक मनीष कुमार ने बताया कि जल शक्ति मिशन भारत सरकार द्वारा पूरे देश में सेकेंड वाटर बॉडीज का सेंसस किया जा रहा है, जिसका कार्य बीते दो माह से चल रहा है. परंतु सेंसस में कर्मियों को कुछ परेशानी आ रही थी, जिसके कारण सेंसस कार्य पूरा नहीं हो पा रहा था. इसको लेकर सभी सेंसस कर्मियों की समस्याओं से अवगत होते हुए उन्हें सेंसस कार्य पूर्ण करने की जानकारी दी गयी. बताया गया कि इसके तहत क्षेत्र में स्थित सभी जल स्रोतों जैसे कुंआ, तालाब, नदी, डोभा व अन्य जल स्रोतों में उपलब्ध जलस्तर, सिंचाई क्षेत्र व उसकी भौतिक स्थिति का डेटा कलेक्ट किया जा रहा है. साथ ही कितने स्रोत सरकारी निजी या सहकारी है व उससे कितना हेक्टेयर भूमि सिंचित हो रही और कितने लोग लाभान्वित हो सकते हैं?. इन स्रोतों से और कितनी सिंचाई की संभावना है. इसका सेंसस के माध्यम से आकलन कर केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजा जा रहा है ताकि सरकार सिंचाई के क्षेत्र में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य योजना तैयार कर सके. साथ ही 15 दिसंबर तक सेंसस का कार्य पूर्ण कर भेज दिया जाएगा. इसको लेकर सभी कर्मियों को 15 दिसंबर तक हर हाल में सेंसस का कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है. मौके पर जनसेवक बीरेंद्र कुमार, प्रदीप कुमार, संजीत दास, जॉन मरांडी, अजित मरांडी, अहमद अली,मो अजहर, आशीष कुमार आदि मौजूद थे.
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