200 करोड़ का मनरेगा घोटाला! केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर लिया संज्ञान

सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है कि पिछले तीन वर्षों में केंद्र सरकार ने 300 करोड़ रुपये मनरेगा मद में देवघर को दिया है, इसमें करीब 200 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. उन्होंने ईडी से जांच की मांग की है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने इस गड़बड़ी की शिकायत पर संज्ञान लिया है.

By Guru Swarup Mishra | October 9, 2022 4:39 PM

Jharkhand News: झारखंड के देवघर के सोनारायठाढ़ी प्रखंड की ठाढ़ीलपरा पंचायत के ठाढ़ीलपरा, धनवे व डुमरिया गांव में गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने मनरेगा की योजनाओं का निरीक्षण किया. इस दौरान कई गड़बड़ियां सांसद को मिलीं. देवघर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पूरे जिले में मनरेगा में गड़बड़ी हुई है. अधिकतर पंचायतों में जेसीबी मशीन से डोभा तैयार हुआ है. ट्रेंच कटिंग के नाम पर भी मशीन का प्रयोग कर पैसे की निकासी हुई है. आरोप लगाया है कि पिछले तीन वर्षों में केंद्र सरकार ने 300 करोड़ रुपये मनरेगा मद में देवघर को दिया है, इसमें करीब 200 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. उन्होंने ईडी से जांच की मांग की है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने इस गड़बड़ी की शिकायत पर संज्ञान लिया है.

पैसे की निकासी और योजनाएं रहीं अधूरी

सबसे पहले बीडीओ ने सांसद को ठाढ़ीलपरा पंचायत में मनरेगा की कुल 200 योजनाओं की सूची सौंपी. इसमें सांसद ने तीन गांवों का निरीक्षण किया. निरीक्षण में एक भी योजना स्थल पर सूचनापट्ट नहीं पाया गया. उन्होंने ठाढ़ीलपरा गांव के लाभुक प्रह्लाद राव की टीसीबी योजना का निरीक्षण किया, जिसमें सूचनापट्ट व मजदूर नहीं पाये गये. इसी गांव के लाभुक शीतल राव के मनरेगा डोभा का निरीक्षण किया गया, यहां दो छोर पर पहले से मेड़ थी, जिसके नीचे गड्ढा खोदकर 1.22 लाख रुपये की निकासी कर ली गयी. स्थानीय ग्रामीणों ने सांसद को बताया कि डोभा की खुदाई जेसीबी से हुई है. धनवे व डुमरिया गांव में भी डोभा में वर्ष 2019-20 व वर्ष 2021-22 की योजनाएं अधूरी पायी गयीं. वर्ष 2019-20 की योजना में 10 हजार रुपये की निकासी कर डोभा अधूरा छोड़ दिया व राशि बर्बाद हो गयी. वर्ष 2021-22 की योजना में 1.15 लाख के डोभा की योजना में 43 हजार रुपये की निकासी कर अधूरा छोड़ दिया गया है. पुरानी योजनाओं को अब तक पूरा नहीं किया गया व पैसे की बर्बादी हुई.

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नाराज हुए सांसद निशिकांत दुबे

इसी तरह ट्रेंच कटिंग की योजना भी बगैर उपयोगी वाली जगह पर गड्ढे खोदकर सारी राशि की निकासी कर ली गयी है. सांसद ने बीडीओ कुंदन भगत पर इस तरह की लापरवाही पर नाराजगी प्रकट की. उसके बाद देवघर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पूरे जिले में मनरेगा में गड़बड़ी हुई है. अधिकतर पंचायतों में जेसीबी मशीन से डोभा तैयार हुआ है. ट्रेंच कटिंग के नाम पर भी मशीन का प्रयोग कर पैसे की निकासी हुई है. जेसीबी मशीन से पहले डोभा की खुदाई कर बाद में कोड खोलकर राशि की निकासी हुई है. पहले भी इस तरह के मामले मोहनपुर, देवीपुर व देवघर प्रखंड में आ चुके हैं. सांसद ने आरोप लगाया है कि पिछले तीन वर्षों में केंद्र सरकार ने 300 करोड़ रुपये मनरेगा मद में देवघर को दिया है, इसमें करीब 200 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. दावा किया कि घोटले में फंसी आइएएस पूजा सिंघल के कार्यकाल से भी बड़ा घोटाला देवघर में मनरेगा में हुआ है. पूजा सिंघल के मनरेगा घोटाले की जांच ईडी कर रही है. अब ईडी से मांग है कि अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए देवघर में भी मनरेगा घोटाले की जांच की जाये.

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केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने लिया संज्ञान

सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि देवघर में मनरेगा घोटाले की जांच ईडी व सीबीआई से कराने के लिए पत्र भेजा जायेगा. सांसद ने ट्विटर के माध्यम से केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह को इस गड़बड़ी की शिकायत की है, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी सांसद के टि्वट पर री-ट्विट कर संज्ञान लिया है. सांसद का आरोप है कि इस घोटाले में ऊपर से लेकर निचले स्तर तक के अधिकारी, मनरेगा के जिलास्तर व प्रखंड तथा पंचायत स्तर के कर्मी संलिप्त हैं. सांसद के साथ निरीक्षण में सारठ के विधायक रणधीर सिंह भी थे.

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