खुशियां पाने के लिए व्यवहार कुशलता आवश्यक: स्वामी सत्संगी जी

स्वामी सत्संगी ने अपने प्रवचन में कहा कि अपने जीवन में हर चीज को अच्छाई से जोड़ो. हर वक्त अच्छाई से जोड़ोगे तो अच्छा होगा. बुरा जोड़ोगे तो बुरा होगा. आप अगर सकारात्मक सोचेंगे तो आपके जीवन में सच होगा.

By Prabhat Khabar | March 27, 2024 8:56 PM

होली के अवसर पर रिखियापीठ में गुरु पादुका पूजन संवाददाता, देवघर होली के अवसर पर रिखियापीठ में गुरु पादुका पूजन किया गया. स्वामी सत्संगी जी ने मंत्रोच्चार के साथ गुरु पादुका पूजन किया. स्वामी सत्संगी ने अपने प्रवचन में कहा कि अपने जीवन में हर चीज को अच्छाई से जोड़ो. हर वक्त अच्छाई से जोड़ोगे तो अच्छा होगा. बुरा जोड़ोगे तो बुरा होगा. आप अगर सकारात्मक सोचेंगे तो आपके जीवन में सच होगा. आप ही अपनी जिंदगी को रचते हैं, आप जो बोलते हैं वही आपके जीवन में सत्य हो जाता है. अगर आप दूसरों के प्रति नकारात्मक सोचेंगे और दूसरों को हानि पहुंचाना है तो आपको नकारात्मकता चारों ओर से घेर लेगी. उन्होंने कहा कि आप किसी और के लिए गड्ढा खोदेंगे तो इसमें खुद गिर जायेंगे. यह सत्य है, यह हमारे विद्वानों ने कहा है. अगर अपने जीवन में अच्छा चाहते हैं तो अच्छा करो. स्वामी सत्यानंद जी का कथन है कि ””जीवन में व्यवहार कुशलता वह बहुत जरूरी है, हमारा व्यवहार अगर ठीक नहीं रहेगा तो जीवन में कुछ ठीक नहीं होगा. व्यवहार कुशलता परिवार में माता-पिता, पति-पत्नी और बच्चों के बीच बहुत जरूरी है. व्यवहार कुशलता तभी होता है जब हम अपने भीतर शुद्धिकरण का एक प्रक्रिया शुरू करें. शुद्धिकरण बहुत जरूरी है, वह शुद्धिकरण शारीरिक और मानसिक नहीं बल्कि कर्मों का शुद्धिकरण होना चाहिए.अच्छे कर्म करेंगे तो शुद्धिकरण होगा. अच्छे संगत, अच्छा व्यवहार और कर्मों का शुद्धिकरण बहुत जरूरी है. अच्छा संगत रखेंगे तो अच्छे विचार आयेंगे. गलत संगत रखोगे तो नकारात्मकता की ओर चले जायेंगे. इसलिए साधु का संगत बहुत जरूरी है. रिखिया आश्रम में सेवा और प्रेम का संदेश दिया जाता है. सेवा और प्रेम को जीवन में उतरेंगे तो जीवन और खुशहाल होगा.अगर सेवा से कर्म का शुद्धिकरण और मंत्र की ध्वनि से मन का शुद्धिकरण होता है. मंत्र की जो ध्वनि से मन का शुद्धिकरण होता है, इससे नकारात्मक ऊर्जा बाहर हो जाती है और सकारात्मक अंदर आ जाती है.””

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