Deoghar News : इस्कॉन मंदिर में मनायी गयी गीता जयंती, 700 श्लोकों का सामूहिक पाठ
इस्कॉन मंदिर में सोमवार को श्रीमद्भागवत गीता की 5162वीं जयंती मनायी गयी. इस अवसर पर भक्तों की भीड़ लगी रही.
प्रतिनिधि, जसीडीह : डाबरग्राम मोड़ स्थित इस्कॉन मंदिर में सोमवार को श्रीमद्भागवत गीता की 5162वीं जयंती मनायी गयी. इस अवसर पर भक्तों की भीड़ लगी रही. कार्यक्रम की शुरुआत गीता परायण से की गयी. इस्कॉन अनुयायियों व भक्तों द्वारा गीता के 18 अध्यायों के 700 श्लोक का पाठ किया गया. इसके साथ ही इस्कॉन परिसर में गीता महायज्ञ, कीर्तन, गीता पारायण, वैष्णव संग, हरिनाम संकीर्तन का आयोजन किया गया तथा भक्तों के बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया. कार्यक्रम में देवघर इस्कॉन प्रमुख श्री निवास गोपाल दास ने गीता जयंती के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि हिंदुओं के बीच बहुत ही पवित्र मानी जाती है. इस तिथि को गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है. कुरुक्षेत्र की रणभूमि में भगवान श्री कृष्ण ने इस दिन ही अर्जुन को जीवन, धर्म, कर्म और मोक्ष का दिव्य ज्ञान दिये थे. श्रीमद्भागवत गीता हिंदुओं का पवित्र ग्रंथ है और गीता जयंती समारोह श्रीमद्भागवत गीता के जन्म को समर्पित है. गीता सिर्फ एक धर्म ग्रंथ ही नहीं, बल्कि जीवन के हर पक्ष को प्रकाश डालने वाली ऐसी शिक्षा है, जो हजारों वर्ष पहले जितनी प्रासंगिक थी आज भी उतनी ही प्रभावशाली है. इस कारण गीता जयंती मनाने का उद्देश्य सिर्फ पूजा करना ही नहीं, बल्कि गीता के संदेश को जीवन में उतारना है. साथ ही भगवान कृष्ण के उपदेश को याद करना व उनका पालन करना है. गीता जयंती पर गीता पाठ करने से भगवान कृष्ण का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और मनुष्य का कल्याण होता है. वेदों का सार उपनिषद व उपनिषदों का सार गीता है, जिसे गीतोपनिषद कहा जाता है. गीता के ज्ञान में धर्म के सभी मार्गों को बताया गया है. जिसे पालन कर मनुष्य मोक्ष प्राप्त कर सकता है. गीता में कुल 700 श्लोक और 18 अध्याय में विभक्त है. इस मौके पर इस्कॉन के अनुयायी मौजूद थे.
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