पंचमी से देवघर के बाबा मंदिर में शुरू होगी तांत्रिक विधि से गवहर पूजा, 500 साल से हो रही आराधना का जानें महत्व

11 अक्टूबर से देवधर के बाबा मंदिर परिसर स्थित महाकाल भैरव मंदिर व मां जगत जननी मंदिर के बरामदे में गवहर पूजा शुरू होगी. यह पूजा तांत्रिक विधि से होगी. इस पूजा का आयोजन खैरा और गिद्धोर इस्टेट की ओर से पिछले 500 साल से भी अधिक समय से हो रही है.

By Prabhat Khabar Print Desk | October 8, 2021 10:15 PM

Jharkhand News (देवघर) : सोमवार (11 अक्टूबर, 2021) को पंचमी तिथि से बाबा बैद्यनाथ मंदिर परिसर स्थित महाकाल भैरव मंदिर व मां जगत जननी मंदिर के बरामदे पर तांत्रिक विधि से गवहर पूजा शुरू की जायेगी. ये पूजा बाबा मंदिर की ओर से नहीं, बल्कि करीब 500 साल से अधिक समय से खैरा इस्टेट व गिद्धौर इस्टेट की ओर से की जाती है. दोनों पूजा वहां के राजा के द्वारा की जाती थी तथा वर्तमान में इस पूजा की परंपरा को बाबा मंदिर की ओर से किया जाता है.

दोनों मंदिरों को पूजा स्थल पर विधिवत तार के पत्ते से घेरा जायेगा. दोपहर को आचार्य श्रीनाथ पंडित, उपचारक भक्तिनाथ फलहारी एवं पुजारी चंदन झा के द्वारा गवहर पूजा प्रारंभ कर अखंड दीप प्रज्वलित की जायेगी़ इस अखंडदीप को देखने व विजयादशमी को पूजा संपन्न होने तक जसीडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत कुशमील गांव के राजहंस परिवार दोनों मंदिर में दिन-रात तैनात रहेंगे. इस परंपरा का निर्वहण करने के लिए ये परिवार राज परिवार के समय से ही लगे हैं.

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वर्तमान में धनंजय राजहंस व भिखारी राजहंस के परिवार के द्वारा पूजा को संपन्न किया जायेगा. पूजा का समापन विजयादशमी के अवसर पर जयंती बलि के बाद की जायेगी. बाबा मंदिर के उपचारक भक्तिनाथ फलहारी ने बताया कि जगत जननी मंदिर में खैरा इस्टेट व महाकाल भैरव के मंदिर में गिद्धौर इस्टेट की ओर से गवहर पूजा होती है. पूजा पूरी तरह से तांत्रिक विधि से की जाती है.

Posted By : Samir Ranjan.

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