Cyber Crime: देवघर में साइबर अपराधियों को पकड़ने गयी थी पुलिस, थाना प्रभारी और एक जवान को ग्रामीणों ने बनाया बंधक

Cyber Crime: देवघर जिले में साइबर अपराधियों को पकड़ने गयी करौं थाना प्रभारी और एक जवान को ग्रामीणों ने चार घंटे तक बंधक बनाकर रखा. दो संदिग्धों को छोड़ने के बाद ग्रामीणों ने पुलिस पदाधिकारी और एक जवान को मुक्त किया.

By Guru Swarup Mishra | March 17, 2025 7:56 PM

Cyber Crime: मधुपुर (देवघर), बलराम-देवघर जिले के करौं थाना क्षेत्र के नगादरी गांव में संदिग्ध साइबर अपराधियों को पकड़ने पहुंचे करौं थाना प्रभारी और एक जवान को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया. करीब चार घंटे तक थाना प्रभारी विपिन कुमार और जवान ग्रामीणों के कब्जे में रहे. वरीय पुलिस पदाधिकारियों को सूचना मिलने के बाद बड़ी संख्या में पुलिस गांव पहुंची. पहले दोनों संदिग्धों को छोड़ा गया. इसके बाद ग्रामीणों ने उन्हें मुक्त किया.

सादे लिबास में पहुंची थी पुलिस टीम


देवघर के साइबर थाना की पुलिस टीम करौं पुलिस के सहयोग से नगादरी में छापेमारी कर रही थी. अलग-अलग बाइक से सादे लिबास में पहुंची पुलिस ने हाफिज अंसारी और उसके भाई को हिरासत में लेकर कुछ दूर खड़े पुलिस वाहन में बैठा दिया. दोनों युवकों को पकड़ने के बाद तीसरे युवक को पकड़ने के दौरान ग्रामीणों और महिलाओं से कुछ विवाद हो गया. दोनों ओर से धक्का-मुक्की होने लगी. इसी क्रम में इदरिश मौलाना उर्फ भुखू अंसारी की बीमार पत्नी को किसी से धक्का लग गया और वह गिरकर बेहोश हो गयी. इसके बाद दर्जनों ग्रामीण आक्रोशित हो गए और पुलिस से उलझ पड़े.

थाना प्रभारी और जवान को डीलर के घर में कर दिया था बंद


करौं थाना प्रभारी विपिन कुमार और एक जवान को पकड़ कर ग्रामीणों ने एक डीलर के घर में बंद कर दिया, जबकि साइबर थाना की पुलिस समेत अन्य अधिकारी और जवान वहां से बचकर निकल गए. इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दी गयी. इसके बाद करौं थाना की पुलिस के अलावा मधुपुर एसडीपीओ सत्येंद्र प्रसाद, मधुपुर थाना के इंस्पेक्टर इंचार्ज त्रिलोचन तामसोय, पाथरोल थाना प्रभारी दिलीप विलुंग, मारगोमुंडा थाना प्रभारी समेत चार थाना से अधिकारी और अतिरिक्त पुलिस बल पहुंचा.

दोनों संदिग्धों को पुलिस ने छोड़ा


बातचीत के बाद पुलिस ने हाफिज अंसारी और उसके भाई को छोड़ दिया. तब ग्रामीण शांत हुए और शाम साढ़े चार बजे करौं थाना प्रभारी और एक जवान को छोड़ दिया. इसके बाद पुलिस के अधिकारी और जवान गांव से निकले. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि साइबर अपराध के नाम पर पुलिस हमेशा उन्हें परेशान करती रहती है. इस मामले में एसडीपीओ सत्येंद्र प्रसाद और करौं थाना प्रभारी विपिन कुमार से संर्पक किया गया तो फिलहाल कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

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