इटखोरी : एम्बुलेंस के अभाव में पांच घंटे तक अस्पताल के बाहर तड़पता रहा मरीज

इटखोरी : झारखंड के चतरा जिले के इटखोरी से इंसानियत को शर्मसार करने वाली खबर सामने आयी है. एम्बुलेंस के अभाव में टीबी से पीड़ित मरीज को पांच घंटे तक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बाहर सड़क के किनारे समय गुजारनी पड़ी. उसके साथ उसकी पत्नी व दो मासूम बच्चे भी पीडित के साथ बैठे रहे, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2017 4:09 PM

इटखोरी : झारखंड के चतरा जिले के इटखोरी से इंसानियत को शर्मसार करने वाली खबर सामने आयी है. एम्बुलेंस के अभाव में टीबी से पीड़ित मरीज को पांच घंटे तक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बाहर सड़क के किनारे समय गुजारनी पड़ी. उसके साथ उसकी पत्नी व दो मासूम बच्चे भी पीडित के साथ बैठे रहे, लेकिन उनकी मदद के लिए कोई नहीं आया.

स्वास्थ्य विभाग की नाकामी और सरकारी दावे को खोखला साबित करनी वाली यह घटना आज सुबह की है. कान्हाचट्टी के राजपुर गांव के रहने वाले मिठ्ठू भुइयां बुधवार को एम्बुलेंस के अभाव में पांच घंटे तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर सड़क किनारे जमीन पर पड़ा रहा, उसके साथ उसकी पत्नी पुतुल देवी ,दो बच्चे बिक्रम व हरिओम भी उसके साथ थे, मिट्ठू भुइयां टीबी की बीमारी से पीड़ित है, उसकी पत्नी पुतुल देवी ने बताया कि मंगलवार की शाम को हमलोग इलाज के लिए अस्‍पताल आये थे, रातभर अस्पताल में रहने के बाद सुबह घर जाने की बात किये, वाहन के इंतजार में सुबह 6 बजे से 11 बजे तक सड़क के किनारे बैठे हैं, विभाग द्वारा जाने का साधन उपलब्ध नहीं कराया गया.

* अधिकारियों को दी गयी सूचना तब जाकर लिया गया एक्शन
टीबी से पीड़ित मिट्ठू भुइयां पांच घंटा तक सड़क किनारे पड़ा रहा लेकिन किसी ने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया. प्रभात खबर प्रतिनिधि ने एसडीओ नन्द किशोर लाल व सीओ रंजीत लोहरा को सूचना दी उसके बाद आनन फानन में मिठ्ठू को पुनः स्वास्थ्य केंद्र में भरती कराया गया.
* मोटरसाइकिल से ले गया घर
एम्बुलेंस की ब्यवस्था नहीं होने पर परिजन उसे मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले गए, बहुत ही मुश्किल से मिठ्ठू भुइयां को मोटरसाइकिल पर बैठाया गया, वह बैठने की स्थिति में नहीं था.
* भूखे व मच्छरों के बीच गुजरी रात
टीबी से पीड़ित मिट्टू भुइयां को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रातभर मच्छरों के बीच गुजारना पड़ा. रात में उसे खाने के लिए नहीं मिली और भूखे रहना पड़ा. मच्छरदानी नहीं रहने के कारण खुले बिस्तर पर सोना पड़ा.
* क्या कहते हैं प्रभारी
चिकित्सा पदाधिकारी डॉ डीएन ठाकुर ने कहा कि एम्बुलेंस दुर्घटना ग्रस्त हो गया है. ममता वाहन से केवल गर्भवती व धात्री महिला को ले जाने का प्रावधान है. किसी भी मरीज़ को घर पहुंचाने का प्रावधान नहीं है. खाना केवल धात्री महिला को देना है.