Chaibasa News : सेल खदानों में बायोमीट्रिक हाजिरी के विरोध में वार्ता विफल

धनबाद में हुई त्रिपक्षीय वार्ता में नहीं बनी सहमति, अगली बैठक छह को

By ATUL PATHAK | July 15, 2025 11:11 PM

गुवा. झारखंड समूह की खदान इकाइयों में बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली अनिवार्य रूप से लागू करने के सेल प्रबंधन के फैसले से आक्रोश है. इसके खिलाफ मंगलवार को धनबाद में त्रिपक्षीय वार्ता हुई. केंद्रीय उपमुख्य श्रम आयुक्त, धनबाद की मध्यस्थता में बैठक हुई. केंद्रीय उप मुख्य श्रम आयुक्त ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद मामले को अगली सुलह बैठक के लिए स्थगित कर दिया. अगली बैठक 6 अगस्त, 2025 को धनबाद में आयोजित होगी. यूनियन ने चेतावनी दी है, उनकी मांगें नहीं मानी गयीं, तो आंदोलन को बाध्य होंगे.

खदान मजदूरों पर एनजेसीएस समझौता थोपा गया.

यूनियन प्रतिनिधियों ने खदानों के प्रमाणित स्थायी आदेशों का हवाला देते हुए बायोमीट्रिक उपस्थिति लागू करने का विरोध दर्ज कराया. कहा गया कि खदान मजदूरों पर एनजेसीएस समझौता थोप दिया गया है. उसमें खान प्रतिनिधियों का समुचित प्रतिनिधित्व नहीं है. सेल प्रबंधन ने वर्ष 2012 के एनजेसीएस समझौते का उल्लेख करते हुए कहा कि बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली उसी के तहत लागू की जा रही है. बैठक में सेल प्रबंधन, बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन (इंटक) व श्रम विभाग के अधिकारी शामिल हुए. सेल प्रबंधन ने 1 जुलाई, 2025 से बायोमीट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य करने निर्देश जारी किया था. बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन की चारों इकाइयों ने निर्णय का कड़ा विरोध किया था. धनबाद में मंगलवार को हुई बैठक में यूनियन की ओर से नवल किशोर सिंह (उपाध्यक्ष), तूफान घोष (जोनल सचिव, गुवा), विद्युत सरकार (जोनल सचिव, किरीबुरु), दीपक कुमार राम (जोनल सचिव), बीरबल गुड़िया (ब्रांच सचिव, मेघाहातुबुरु) व विशाल कुमार (जोनल सचिव, चिरिया) ने हिस्सा लिया. सेल प्रबंधन की ओर से धीरेन्द्र मिश्रा (मुख्य महाप्रबंधक, मानव संसाधन, झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस), विकास दयाल, चंदन घोष और अमित विश्वास उपस्थित रहे.

समझौता होने तक निर्देश को रद्द करने की मांग प्रबंधन का इनकार

यूनियन ने बताया कि खान मजदूरों के लिए एनजेसीएस समझौता बाध्यकारी नहीं है, क्योंकि माइंस प्रतिनिधि उसमें शामिल नहीं होते हैं. यूनियन ने मांग की, जब तक त्रिपक्षीय लिखित समझौता नहीं हो जाता है, जिसमें यह तय हो कि बायोमीट्रिक लागू होने के बावजूद श्रमिकों के सभी पारंपरिक लाभ जारी रहेंगे, तब तक आदेश रद्द किया जाये. यूनियन की मांग पर सेल प्रबंधन ने साफ इनकार कर दिया. प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि वे इस संदर्भ में किसी प्रकार का त्रिपक्षीय समझौता नहीं करेंगे. यूनियन ने किसी समझौते या सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया.

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