Chaibasa News : वन विभाग जल्द एनओसी दे, नहीं तो करेंगे एनएच जाम : ग्रामीण
बंदगांव. तोमरोम से कोटिया तक सड़क निर्माण अटका, वन विभाग की एनओसी बनी बाधा
बंदगांव.
जिला के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बंदगांव प्रखंड की चंपावा पंचायत के चाकोमटोनांग गांव में सड़क निर्माण को लेकर 20 गांव के ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ मुखिया कानू तैसुन की अध्यक्षता में बैठक की. बैठक में कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष जदोराय मुंडरी, रवि मुंडरी एवं झामुमो के वरिष्ठ नेता गोयरा रुगु मौजूद थे. बैठक में ग्रामीणों ने बताया कि 2022 में तोमरोम से कोटिया तक 16 किलोमीटर सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली थी. ठेकेदार ने सड़क निर्माण भी शुरू कर दिया था. पर दो दिन बाद ही वन विभाग ने सड़क निर्माण को बंद करा दिया. इसके बाद आजतक बंद है.सांसद और विधायक भी ध्यान नहीं दे रहे
ग्रामीणों ने बताया कि सड़क नहीं बनने से 20 गांव के ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है. जबकि यह सड़क गुदड़ी एवं बंदगांव प्रखंड को जोड़ती है. यह सड़क यहां के लोगों के कमाने खाने तथा रोजगार का मुख्य आधार है. इस सड़क के निर्माण के लिए सांसद, विधायक एवं डीसी को भी कई बार आवेदन दिया, मगर अभी तक वन विभाग द्वारा एनओसी नहीं देने के कारण सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है.
वन विभाग के खिलाफ आर-पार की लड़ाई होगी
ग्रामीणों ने बताया कि अब 20 गांव के ग्रामीण वन विभाग के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण के लिए जरूरत पड़ी तो एनएच-75 सड़क अनिश्चितकालीन के लिए जाम कर देंगे. ग्रामीणों ने कहा कि इससे पहले मुख्यमंत्री आवास, डीसी कार्यालय, वन विभाग कार्यालय और आरइओ कार्यालय का घेराव किया जायेगा. ग्रामीणों की समस्या सुनकर मुखिया कानू तैसुन ने कहा कि हम ग्रामीणों के साथ हैं. सड़क निर्माण के लिए मुख्यमंत्री आवास से लेकर डीसी कार्यालय, वन विभाग कार्यालय का घेराव होगा. सड़क जाम ऐतिहासिक होगा. मुखिया ने कहा कि सभी पदाधिकारी ग्रामीणों की समस्या को समझें. जल्द से जल्द वन विभाग एनओसी दे, ताकि सड़क का निर्माण हो सके. अन्यथा उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.
बीमार को अस्पताल ले जाने में होती है परेशानी
ग्रामीणों ने कहा कि सड़क की खराब स्थिति के कारण कोई बीमार पड़ने पर या कोई भी विकास कार्य के लिए गाड़ी गांव तक पहुंच नहीं पाती है. बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. इसलिए इस क्षेत्र के विकास के लिए सड़क का बनना जरूरी है. उन्होंने कहा कि सड़क नहीं रहने के कारण कोई भी पदाधिकारी गांव तक नहीं पहुंच पाते हैं. बैठक को 20 गांव के मानकी मुंडा ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर मुख्य रूप से ग्राम मुंडा स्टीफन बाडिंग, पौलुस मुंडा, सैमुअल हंस, बिरसा बोदरा समेत सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे. बैठक में चंपावा, तोमरोंग, रोडो, चाकोमटोनांग, ममाइल, इचागुटू, सियांगकेल, लोंगाबेड़ा, डारुंग, आरिपीडी, साइनबोर्ड, सुमरन, कोचा, सिमकोडा, जोमताय, कोटया, तुंटुकेल, बीती, उरुडिंग समेत अन्य गांव के लोग शामिल हुए. यह बैठक सात घंटे तक चली.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
