Chaibasa News : चाईबासा का पारा 9.6 डिग्री पर, कनकनी से लोग हो रहे परेशान
ठंड. 24 घंटे में डेढ़ डिग्री गिरा न्यूनतम तापमान, अलाव बना सहारा
चाईबासा.
पश्चिमी सिंहभूम जिले में बीते एक सप्ताह से कड़ाके की ठंड पड़ रही है. तापमान लगातार गिर रहा है. कनकनी से आम जन जीवन प्रभावित है. दिन में कड़ी धूप, तो सुबह- शाम कनकनी भरी ठंड का सामना करना पड़ रहा है. गुरुवार को चाईबासा में पारा लुढ़क कर 9.6 डिग्री पर पहुंच गया. 24 घंटे में न्यूनतम तापमान डेढ़ डिग्री तक गिर गया है. इससे लोगों को सुबह और शाम कनकनी भरी ठंड का सामना करना पडा़. इससे खासकर महिलाओं व बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, दोपहर में कड़ी धूप निकलने से थोड़ी राहत मिल रही है. दिन ढलते ही लोग ठंड से लोग ठिठुरने लगे हैं.शहर में छह स्थानों पर जल रहा अलाव
हालांकि, जिला प्रशासन ने लोगों को ठंड से राहत दिलाने क लिए शहर में अलाव की व्यवस्था करायी है. नगर परिषद शहर के छह स्थानों पर शाम सात बजे से अलाव जला रही है. जानकारी के अनुसार, नगर परिषद ने शहर के बस पडाव, यशोदा चौक, बड़ीबाजार उर्दू लाइब्रेरी, पोस्ट ऑफिस चौक, बिरसा चौक व रामू होटल के पास शाम में अलाव की व्यवस्था की है.
स्कूली बच्चों की परेशानी बढ़ी
मौसम के जानकारों के अनुसार, अभी ठंड में और इजाफा होने की संभावना है. हालांकि, दोपहर में तापमान 28 डिग्री से ज्यादा रह रहा है. इससे गुनगुनी धूप का अहसास हो रहा है. न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे चले जाने के कारण कनकनी भरी ठंड का अहसास हो रहा है. ठंड बढ़ जाने के कारण स्कूली बच्चों की परेशानी बढ़ गयी है. इधर, समाज सेवियों द्वारा जरूरतमंदों को राहत दिलाने के लिए कंबलों वितरण भी किया जा रहा है.शाम होते ही बाजारों में सन्नाटा
जिले में सुबह और शाम को ठंडी हवा चलने की वजह से आमलोगों को कठिनाई हो रही है. दिन में धूप खिली रहती है. इस वजह से सुबह नौ बजे से लेकर लगभग दो बजे दोपहर तक ठंड से थोड़ी राहत मिलती है. हालांकि, लोग स्वेटर और जैकेट पहने रहते हैं. शाम ढ़लने के बाद अधिकतर लोग अपने-अपने घरों में दुबक जाते हैं. बच्चे रजाई के अंदर घुसकर पढ़ाई करते हैं. रात में शीत गिर रहा है. शाम होते-होते शहर व ग्रामीण क्षेत्र के बाजारों में सन्नाटा पसर जाता है. इससे व्यवसाय पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
नोवामुंडी में अलाव और कंबल वितरण की मांग
नोवामुंडी. नोवामुंडी में पिछले दो दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इससे ग्रामीण इलाकों, बाजारों, ओवरब्रिज के नीचे और बस स्टैंड पर रहने वाले गरीब, असहाय और वृद्ध लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. ठंड से बचने के लिए लकड़ी के अभाव में कई लोग रातें पुराने टायर, प्लास्टिक और कागज जलाकर गुजारने को विवश हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि अब तक सरकार या प्रशासन की ओर से न तो अलाव की व्यवस्था की गयी है न कंबल वितरण शुरू किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
