Bokaro News : सीता फॉल : 50 फीट ऊंची जलधारा का रोमांच

Bokaro News : बिसनीबांध के जल से निर्मित होता है फॉल, दूर-दूर से आनंद लेने आते हैं लोग

By MANOJ KUMAR | December 1, 2025 12:51 AM

Bokaro News : दीपक सवाल, कसमार. अगर इस साल पिकनिक के लिए किसी नयी और मनमोहक जगह की तलाश है, तो सीता फॉल आपके लिए एक शानदार विकल्प साबित हो सकती है. चास प्रखंड के बिजुलिया (सिंहडीह) में स्थित यह जलप्रपात स्थानीय लोगों के बीच सीता फॉल, सीता खेड़व और सीता कूप नामों से प्रसिद्ध है. लगभग 50 फीट की ऊंचाई से गिरता पानी पत्थरों के बीच ऐसी धुन पैदा करता है, जो मन को तुरंत सुकून और रोमांच दोनों से भर देता है. घने जंगलों के बीच बसे इस स्थल को गांव का प्राकृतिक वरदान माना जाता है. स्थानीय लोग यहां पिकनिक का आनंद खूब लेते हैं, हालांकि बाहरी लोगों तक इसकी पहचान अभी कम पहुंची है. दिसंबर और जनवरी के महीनों में आस-पास के गांवों के लोग अपने रिश्तेदारों और मित्रों के साथ बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं. पूरे साल में लगभग दस महीने यहां जलप्रपात बहता रहता है मई और जून में गर्मी के दौरान यह सूख जाता है. यह फॉल बिसनीबांध के जल से निर्मित होता है, जो खेतों के बीच से बहकर खड्ड का रूप लेता है और फिर 50 फीट नीचे गिरकर मनमोहक झरने में बदल जाता है. आगे चलकर यही जल दामोदर नदी में जाकर मिलता है. यहां महुदा से सिंहडीह होते हुए बिनोद बिहारी महतो पुल मार्ग और चास से बिजुलिया–सिंहडीह होकर पुल तक और वहां से 200 मीटर भीतर जंगल वाहन से आसानी से पहुंचा जा सकता है. ग्रामीणों का मानना है कि यदि सरकार ध्यान दे तो यह स्थान एक विकसित पर्यटन स्थल बनकर क्षेत्र की पहचान और अर्थव्यवस्था दोनों को मजबूत कर सकता है. सीता फॉल के खोजकर्ता डॉ मदन मोहन महतो (सेवानिवृत्त प्राचार्य व पुरातत्त्वविद) माने जाते हैं, जिन्होंने इस स्थल से जुड़ी कई पौराणिक मान्यताओं का उल्लेख किया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है