Bokaro News : आदिवासी गांव बंदुकबेड़ा में लगा चार सोलर जलमीनार फेल, लोग परेशान
Bokaro News : 500 की आबादी को स्वच्छ पेयजल के लिए बीएंडके एरिया ने लगाया गया था सोलर जलमीनार
Bokaro News : आकाश कर्मकार, फुसरो. फुसरो नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर दो में आने वाला शहरी गांव बदुकबेड़ा आज भी पेयजल की समस्या से जूझ रहा है. गांव के लोग सीसीएल बीएंडके एरिया से विस्थापित और प्रभावित हैं. बंदुकबेड़ा में सीसीएल के सीएसआर फंड से चार वर्ष पूर्व लगायी गयी सोलर युक्त डीप बोरिंग पानी टंकी खराब हो गयी है. यहां चार जगहों पर पानी की टंकी लगायी गयी है, जिसमें पानी नहीं पहुंचता है. योजना निर्माण के एक वर्ष से पहले ही जलमीनार से जलापूर्ति बंद हो गयी.
कहां-कहां लगी है टंकी :
बदुकबेड़ा में राजेश टुडू, पूरन मांझी, दिनेश मुर्मू व अजय हेंब्रम के घर के सामने टंकी लगाया गया है. इस संबंध में गांव के सोमरी सोरेन ने बताया कि अजय हेंब्रम के घर के सामने जो टंकी संवेदक ने लगाती थी, वह क्षतिग्रस्त हो गयी है, इसलिए इसमें पानी नहीं भरते थे, क्योंकि पानी सारा गिर जाता था. वहीं बलराम टुडू ने बताया कि पंप और पाइप भी खराब हो गयी है. बिरसा मांझी ने बताया कि कुछ दिनों तक ही चलने के बाद टंकी से पानी मिलना बंद हो गया. बताया कि यह लगभग 8 लाख की योजना थी, जो 2021 में लगी और मात्र एक साल ही चली. इसकी मरम्मत के लिए कई बार संवेदक और सीसीएल अधिकारियों को कहा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. गांव की आबादी लगभग 500 है. गरमी में कुआं और जोरिया का पानी भी सूख जाता है और लोगों को परेशानी होती है.ताराबेड़ा में भी है पानी की समस्या
फुसरो नगर के वार्ड नंबर छह स्थित ताराबेड़ा निवासी जितेंद्र टुडू ने बताया कि गांव में दो डीप बोरिंग की पानी टंकी है. एक रूपलाल मांझी के घर के पास विधायक मद से लगी थी और दूसरा मेरे घर के पास सीसीएल ढोरी क्षेत्र से लगायी गयी है. वोल्टेज नहीं रहने से पानी टंकी में नहीं चढ़ पाता है. बताया कि ताराबेड़ा गांव में 60 घर हैं, जिसमें चार हजार की आबादी है. यहां के लोग जोरिया के पानी का उपयोग करते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
