Bokaro News : मन के तमोगुण के प्रभाव को कम करने के लिए कीर्तन जरूरी : आचार्य

Bokaro News : आनंद मार्ग का तीन दिवसीय धर्म महासम्मेलन शुरू, 25 साधिकाओं ने कौशिकी नृत्य किया प्रस्तुत.

By ANAND KUMAR UPADHYAY | December 30, 2025 9:17 PM

बोकारो, आनंद मार्ग प्रचारक संघ का तीन दिवसीय धर्म महासम्मेलन मंगलवार से आनंद नगर में शुरू हुआ. पहले दिन प्रातःकालीन सत्र की शुरुआत गुरु सकाश, पांचजन्य व सामूहिक साधना से हुई. हरि परिमंडल गोष्ठी (महिला विभाग) के तहत आचार्या अवधूतिका आनंद आराधना के नेतृत्व में 25 साधिकाओं ने कौशिकी नृत्य प्रस्तुत किया. सेवा धर्म मिशन के तहत आचार्य सुष्मितानंद अवधूत के निर्देशन में 25 बाल साधकों ने तांडव नृत्य प्रस्तुत किया. पुरोधा प्रमुख आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत ने कहा कि मन के तमोगुण (आलस्य, अज्ञानता, निष्क्रियता) के प्रभाव को कम करने के लिए कीर्तन जरूरी है. ईश्वर प्राप्ति का सुगम साधन कीर्तन है. इसके माध्यम से एक व्यक्ति ईश्वर के साथ गहरा संवाद स्थापित कर सकता है. उन्होंने बताया कि कीर्तन की शक्ति व्यक्ति को अविरल ध्यान, स्थिरता व आनंद की अनुभूति देती है. यह अद्वितीय विधि है जो मन, शरीर व आत्मा के संगम के अनुभव को आदर्श दर्शाती है. आचार्य विश्वदेवानंद ने कहा कि कीर्तन से मन को संयमित कर सकते हैं. इंद्रियों के विषयों के प्रति वैराग्य की प्राप्ति कर सकते हैं. कीर्तन उच्चतम व श्रेष्ठतम भावनात्मक अभ्यास है, जो अशांति, तनाव व चिंता से मुक्ति दिलाता है. कीर्तन एक साधना है, जो समाज के बंधनों से मुक्त करती है. यह प्रेम, सहानुभूति व एकाग्रता की अनुभूति कराता है, जो हमारे जीवन को सुखी व समृद्ध बनाता है. आचार्य ने कहा कि कीर्तन मन को परम शांति की अवस्था में ले जाता है, जहां ईश्वरीय प्रेम व आनंद का अनुभव करते हैं. कीर्तन एक विशेष तरीका है, जिससे जगत के साथ सामरस्य व सामंजस्य का अनुभव कर सकते हैं. यह एक साथी बनाता है, जो ईश्वर के साथ अनन्य रूप से जोड़ता है. सबके प्रति प्रेम व सेवा की भावना से प्रेरित करता है.

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