नसंबदी के 10 साल बाद घर में गूंजी किलकारी!

बोकारो :नसंबदी के 10 साल बाद घर में गूंजी किलकारी! सुनने में यह अटपटा जरूर लगेगा. लेकिन, यह सच है. बोकारो जेनरल अस्पताल (बीजीएच) के डॉक्टरों की चिकित्सीय सहायता से यह संभव हुआ है. 10 साल पहले नॉन-स्केलपेल वेसेक्टॉमी (एनएसवी) यानी नसबंदी करवा चुके जोशी कॉलोनी निवासी 40 वर्षीय बबलू शर्मा के घर में फिर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 19, 2019 3:05 AM

बोकारो :नसंबदी के 10 साल बाद घर में गूंजी किलकारी! सुनने में यह अटपटा जरूर लगेगा. लेकिन, यह सच है. बोकारो जेनरल अस्पताल (बीजीएच) के डॉक्टरों की चिकित्सीय सहायता से यह संभव हुआ है. 10 साल पहले नॉन-स्केलपेल वेसेक्टॉमी (एनएसवी) यानी नसबंदी करवा चुके जोशी कॉलोनी निवासी 40 वर्षीय बबलू शर्मा के घर में फिर से बच्चे की किलकारी गूंजी है. बीजीएच के विख्यात रिकंस्ट्रक्टिव सर्जन अनिंदो मंडल की टीम ने यह सफलता अर्जित की है.

2009 में बीजीएच में करायी थी नसबंदी : बबलू शर्मा की शादी 2005 में हुई. पहली लड़की 2006 में हुई थी. फिर, 2008 में एक बेटा हुआ. वर्ष 2009 में बीजीएच में नसबंदी करा ली. 2015 तक सब ठीक चला. उसी समय बेटे को बल्ड कैंसर होने का पता चला. उसके इलाज के लिए बेहतर से बेहतर उपाय किया. लेकिन, 2017 में उसकी मौत हो गयी. बेटे की मौत से पति-पत्नी कई दिनों तक सदमें में रहें. कुछ दिनों बाद दंपती को बच्चे की चाहत थी. लेकिन, बबलू शर्मा नसबंदी करवा चुके थे. इससे पति-पत्नी में मायूसी थी.
17 जून 2019 को हुई बिटिया स्वस्थ : बबलू शर्मा व उनकी पत्नी की मायूसी को बीजीएच के चिकित्सकों ने दूर किया. अनिंदो मंडल एंड टीम ने ‘वासो वासोस्तोमी’ कर बबलू शर्मा की नस को फिर से जोड़ दिया. इससे उनकी वीर्य क्षमता वापस सामान्य हो गयी है. इस सर्जरी को दुर्लभ माना जाता है, क्योंकि डॉक्टर्स उस अति सूक्ष्म ट्यूब (वास डेफेरेंस) जो वृषण में स्खलन के लिए शुक्राणु को ले जाने का कार्य करता है, उसे वापस फिर से जोड़ देते हैं. शर्मा दंपती की जिंदगी में एक बार फिर से संतान सुख मिला. 17 जून को बिटिया हुई है.

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