Jharkhand News: गुमला में 20 और चतरा में एक चिकन पॉक्स की पुष्टि, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Jharkhand News: झारखंड के गुमला और चतरा में चिकन पॉक्स का प्रकोप है. अभी तक गुमला में 20 और चतरा में एक चिकन पॉक्स की पुष्टि हो चुकी है. वहीं, चिकन पॉक्स के मामले सामने आने के बाद गुमला और चतरा के सिविल सर्जन को प्रभावित क्षेत्र में डॉक्टरों की टीम भेजकर निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है.

By Prabhat Khabar | May 6, 2022 9:37 AM

Jharkhand News: राज्य के दो जिला चतरा और गुमला में कुल 21 लोगों को चिकन पॉक्स (Chicken Pox ) होने की पुष्टि हो गयी है. रिम्स माइक्रोबायोलॉजी विभाग के वायरोलॉजी लैब ने इसकी पुष्टि की है. चतरा के इटखोरी और गुमला जिला के भरनो इलाके के पीड़ितों की सैंपल जांच में चिकन पॉक्स (Chicken Pox Infection) होने का प्रमाण मिला है. माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा चिकन पॉक्स के फैलाव की जानकारी इंडियन कांउसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) और स्वास्थ्य विभाग को दे दी गयी है. माइक्रोबायाेलॉजी लैब की जांच में गुमला के 26 पीड़ितों में से 20 और चतरा के पांच पीड़ितों में से एक की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है.

इधर, रिम्स की मेडिकल टीम ने चिकन पॉक्स (chicken pox) के फैलाव वाले जिलों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिये हैं. गुमला व चतरा के सिविल सर्जन को तत्काल प्रभावित क्षेत्र में डॉक्टरों की टीम भेजकर समय-समय पर लोगों की जांच कराने और दवाओं का वितरण करने को कहा गया है. चिकन पॉक्स के अंदेशा पर स्वास्थ्य विभाग ने रिम्स से बुधवार को चतरा के इटखोरी और गुमला के भरनो में डॉक्टरों की टीम भेजकर वर्तमान स्थिति का आकलन कराया था. चिकन पॉक्स पीड़ित परिवार और लोगों की सूची तैयार की थी. पीड़ित लाेगों का सैंपल संग्रहित किया गया था, जिसकी जांच रिम्स में करायी गयी थी.

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प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता बरतने के निर्देश

  • जांच में गुमला के 26 पीड़ितों में से 20 और चतरा के पांच पीड़ितों में से एक की रिपोर्ट आयी पॉजिटिव

  • गुमला व चतरा के सिविल सर्जन को प्रभावित क्षेत्र में डॉक्टरों की टीम भेजकर निगरानी रखने का निर्देश

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

यह वायरल डिजीज (chicken pox infection) है, जो सात से 10 दिन में खुद ठीक हो जाता है. इस बीमारी में खतरा यह है कि संक्रमण का फैलाव तेजी से होता है. ऐसे में पीड़ित को स्वस्थ लोगों से अलग रखना चाहिए. ऐसा हो सकता है कि जो इसकी चपेट में आये हैं, उनका टीकाकरण नहीं किया गया हो.

डॉ अनिताभ, शिशु रोग विशेषज्ञ

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Posted by: Pritish Sahay

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