बिट्टा ने एसएफजे चीफ को भारत लाने की मांग की, पन्नू ने गुड़गांव के डीसी ऑफिस पर झंडा फहराने की दी धमकी

युवा कांग्रेस के पूर्व नेता बिट्टा 1993 में नई दिल्ली के रायसीना रोड स्थित युवा कांग्रेस के मुख्यालय पर खलिस्तान समर्थक उग्रवादियों द्वारा किए गए बम हमले में घायल हो गए थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2022 7:42 PM

गुड़गांव : ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष मनिंदरजीत सिंह बिट्टा (एमएस बिट्टा) ने खालिस्तान समर्थित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू को भारत वापस लाने की मांग की है. गुरपतवंत सिंह पन्नू ने खालिस्तान घोषणा दिवस के 36वें वर्ष के मौके पर हरियाणा में गुड़गांव से अंबाला तक सभी संभागीय आयुक्त के कार्यालयों (डीसी ऑफिस) पर एसएफजे का झंडा फहराने की धमकी दी है. एमएस बिट्टा ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की भारत यात्रा के दूसरे दिन गुरपतवंत सिंह पन्नू को चीन और पाकिस्तान का एजेंट बताते हुए उसे भारत वापस लाने की मांग की है.

एमएस बिट्टा ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान केंद्र सरकार से एसएफजे प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू को भारत वापस लाने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है. इस दौरान उन्होंने पन्नू को पाकिस्तान और चीन का एजेंट बताया. बिट्टा ने एसएफजे प्रमुख को खालिस्तान के मुद्दे पर खुली बहस की चुनौती दी. उन्होंने जोर देकर कहा कि वह मीडिया के सामने पन्नू को चुनौती दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि खालिस्तान के गठन का प्रतिबंधित संगठन का सपना कभी पूरा नहीं होगा.

एसएफजे के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने सोशल मीडिया पर गुड़गांव से अंबाला तक के डीसी ऑफिस पर झंडा फहराने की धमकी वाला वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है. पन्नू के इस शेयर पर एमएस बिट्टा ने कहा कि हम उनके सोशल मीडिया आतंकवाद को कभी स्वीकार नहीं करेंगे. युवा कांग्रेस के पूर्व नेता बिट्टा 1993 में नई दिल्ली के रायसीना रोड स्थित युवा कांग्रेस के मुख्यालय पर खलिस्तान समर्थक उग्रवादियों द्वारा किए गए बम हमले में घायल हो गए थे.

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बिट्टा ने कहा कि किसान आंदोलन अपना रास्ता भटक गया था और पन्नू जैसे लोगों ने उसका फायदा उठाते हुए तिरंगे का अपमान करने की हिमाकत की. उन्होंने कहा कि अब वे हरियाणा में खालिस्तानी झंडा लगाने की धमकी दे रहे हैं, लेकिन उनका सपना कभी पूरा नहीं होगा. बिट्टा ने इस दौरान संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने, जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. उन्होंने अनुच्छेद 370 को देश के लिए कैंसर बताया.

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