दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कोई कमी नहीं, औद्योगिक इस्तेमाल पर केंद्र ने लगायी रोक

नयी दिल्ली : दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी की आ रही खबरों के बीच केंद्र सरकार ने आज दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) को बताया है कि दिल्ली में ऑक्सीजन सप्लाई की कोई कमी नहीं है. कुछ उद्योगों को छोड़कर ऑक्सीजन के औद्योगिक इस्तेमाल पर रोक लगा दी गयी है. बता दें कि दिल्ली सरकार ने केंद्र पर पिछले दिनों ऑक्सीजन आपूर्ति कम करने का आरोप लगाया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 20, 2021 5:13 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी की आ रही खबरों के बीच केंद्र सरकार ने आज दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) को बताया है कि दिल्ली में ऑक्सीजन सप्लाई की कोई कमी नहीं है. कुछ उद्योगों को छोड़कर ऑक्सीजन के औद्योगिक इस्तेमाल पर रोक लगा दी गयी है. बता दें कि दिल्ली सरकार ने केंद्र पर पिछले दिनों ऑक्सीजन आपूर्ति कम करने का आरोप लगाया था.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अदालत को बताया कि दिल्ली सरकार की ओर से की गयी मांग का प्रारंभिक अनुमान 300 मीट्रिक टन का था. जिसका संशोधित अनुमान अब बढ़कर 700 मीट्रिक टन हो गया है. सरकार के जवाब पर हाई कोर्ट ने कहा कि हमें उम्मीद है कि विभिन्न स्थानों पर दवाइयां और संसाधन भेजने के संबंध में फैसला करते समय केंद्र अपने विवेक का इस्तेमाल कर रहा है.

अदालत ने यह भी कहा कि अगर दवाइयां और संसाधन विवेक का इस्तेमाल किये बिना दूसरे स्थानों पर भेजे गये तो लोगों के हाथों में खून लगा होगा. न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने पूर्व में केंद्र सरकार से कहा था कि उद्योग इंतजार कर सकते हैं. मरीज नहीं. मानव जीवन खतरे में है. पीठ ने कहा कि उसने सुना है कि गंगा राम अस्पताल के डॉक्टरों को कोविड-19 के मरीजों को दी जाने वाली ऑक्सीजन मजबूरी में कम करना पड़ रही है क्योंकि वहां जीवन रक्षक गैस की कमी है.

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हाई कोर्ट केंद्र सरकार की ओर से दायर हलफनामें में कहा गया कि दिल्ली में मेडिकल ऑक्सीजन की क्षमता को बढ़ाने की खातिर पीएम केयर्स फंड की मदद से आठ प्रेशर स्विंग अड्सॉर्पशन (पीएसए) ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाये जा रहे हैं. इन संयंत्रों की मदद से मेडिकल ऑक्सीजन की क्षमता 14.4 मीट्रिक टन बढ़ जायेगी. अदालत मंगलवार को 19 अप्रैल को कोविड-19 के संबंध में दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

Posted By: Amlesh Nandan.

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