अर्थव्यवस्था में राहत के संकेत : जीएसटी संग्रह बढ़ा, बेरोजगारी कम, ऑटो सेक्टर में तेजी

पूरी दुनिया के साथ भारत में भी कोरोना संक्रमण के कारण अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है. लॉकडाउन के विभिन्न चरणों के बाद जून में पहली बार कारोबारी गतिविधियों में छूट देते हुए अनलॉक-1 शुरू किया गया.

By Prabhat Khabar Print Desk | July 8, 2020 2:02 AM

पूरी दुनिया के साथ भारत में भी कोरोना संक्रमण के कारण अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है. लॉकडाउन के विभिन्न चरणों के बाद जून में पहली बार कारोबारी गतिविधियों में छूट देते हुए अनलॉक-1 शुरू किया गया. एक महीने के अनलॉक-1 की अवधि में लगभग सभी कारोबारी गतिविधियों में तेजी आयी है. आंकड़े बताते हैं कि यह तेजी अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से पुराने स्तर पर ला रही है.

हालांकि कोरोना के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं लेकिन गूगल मोबिलिटी रिपोर्ट और एसबीआइ इकोरैप रिपोर्ट बताती है कि देश में कारोबारी गतिविधियां बढ़ गयी है और धीरे-धीरे अब वे कोरोना के पूर्व स्तर पर पहुंचने वाले हैं. इसके अलावे मई की तुलना में जून में जीएसटी संग्रह बढ़ गया है. लॉकडाउन के दौरान शीर्ष स्तर पर पहुंचनेवाली बेरोजगारी की दर में भारी गिरावट आयी है.

पेट्रोलियम और ऊर्जा की मांग में आयी तेजी, वाहनों की बिक्री भी बढ़ी

  • बढ़ा जीएसटी संग्रह

  • जून 90,917

  • मई 62,009

  • अप्रैल 32,294

  • पेट्रोलियम उत्पादों की खपत 3.47% बढ़ी

  • मजदूरों के साथ-साथ सामानों की गतिशीलता बढ़ गयी है.

  • बेरोजगारी दर में गिरावट

हाई फ्रिक्वेंसी इंडिकेटर्स में है तेजी : एसबीआइ रिपोर्ट

एसबीआइ इकोरैप रिपोर्ट में कहा है कि विभिन्न हाई फ्रिक्वेंसी इंडिकेटर्स ने 1 से 30 जून तक चले अनलॉक-1 की अवधि में तेजी दिखाया है. रिपोर्ट में गूगल मोबिलिटी इंडेक्स, एपल मोबिलिटी इंडेक्स, श्रम भागीदारी दर, आरटीओ लेनदेन, बिजली की खपत और साप्ताहिक भोजन के आगमन सहित उच्च आवृत्ति संकेतक का हवाला दिया गया है- जिसमें लॉकडाउन के विभिन्न चरणों के दौरान गिरावट आयी थी, लेकिन अनलॉक-1 में अवधि में तेजी आयी है. रिपोर्ट के अनुसार लगभग सभी राज्यों (तमिलनाडु को छोड़कर ) में कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ-साथ सभी संकेतकों में गतिशीलता बनी हुई है.

Next Article

Exit mobile version