42 बेड के पीकू वार्ड का नहीं मिल रहा लाभ
जिले में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य हुए है. जिसका लाभ जिले के संबंधित मरीजों को नहीं मिल रहा है.
बक्सर. जिले में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य हुए है. जिसका लाभ जिले के संबंधित मरीजों को नहीं मिल रहा है. जिसके कारण सरकार की महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का जिले में सुविधा नहीं मिल पा रहा है. जिसका लाभ 2024 के नये साल में जिले के मरीजों को मिलने की संभावना बढ़ गयी थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की पीकू वार्ड की सेवा के प्रति उदासीनता के कारण जिले के लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. जबकि सरकार द्धारा इस महंगी बच्चों की इलाज के लिए स्थापित पीकू वार्ड जिले वासियों के लिए सौगात की जगह अभिशाप बन गया है. जिले में पांच वर्ष तक के बच्चों की स्वास्थ्य सुविधा के लिए पुराना सदर अस्पताल परिसर में तैयार पीकू वार्ड की सुविधा जिले के संबंधित मरीजों को नहीं मिल पा रही है. वहीं पीकू वार्ड का सभी कार्य दो साल पूर्व ही पूरे हो गये हैं. लेकिन आज वह रख रखाव के अभाव में काफी खराब हो गया है. वहीं जिले के स्वास्थ्य विभाग अपने नियति के अनुसार अभी भी पीकू वार्ड के शुरू करने के लिए कागज की रेल ही दौड़ा रहा है. लेकिन इसको शुरू करने के प्रति उदासीनता दिखाने के साथ ही विभिन्न समस्याओं को ही गिनाया जा रहा है. जिससे निकट भविष्य में पीकू वार्ड को शुरू कराना मुश्किल भरा काम है. विभाग के अनुसार पीकू वार्ड को शुरू करने में स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक तरह से अप्रत्यक्ष रूप से हाथ खड़ा कर दिया है. जिले में स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास के तहत करोड़ों रूपये खर्च कर पीकू वार्ड को स्थापित किया गया है. यह वार्ड अत्याधुनिक सुविधाओं से संपन्न बनाया गया है. वार्ड की सेवा शुरू नहीं करने के कारण परिसर की सफाई भी नहीं हाे पा रही है. जिससे वार्ड में काफी गंदगी कायम हो गयी है. लगाये गये कैमरा एवं एसी भी अब खराब होने लगे है. इसके साथ केंद्र में लगा स्वास्थ्य उपकरण भी खराब होने लगा है. दो साल बाद में शुरू नहीं हो सका पीकू वार्ड की सुविधा : पुराना सदर अस्पताल परिसर में बच्चों के लिए तैयार गहन चिकित्सा पीकू इकाई बनकर दाे साल पहले से ही है. 2024 के शुरुआती साल में लाभ संबंधित उम्र के बच्चों को मिलने की आस जग गई थी. जिससे नवजात बच्चों के साथ ही पांच साल तक के बच्चों को विशेष परिस्थिति में भी जिले में महंगी अत्याधुनिक इलाज संभव हो सके. गंभीर बीमारियों से पीड़ित बच्चों को स्थानीय स्तर पर ही सुविधा मिल सके. नगर के पुराना सदर अस्पताल में बच्चों के अत्याधुनिक इलाज को लेकर 42 बेड का पीकू इकाई बनाया गया है. निर्माण एजेंसी द्वारा विभाग को दो साल पूर्व हस्तगत कराया जा चुका है. रख रखाव के अभाव में खराब होे रहा है भवन : करोड़ों खर्च के बाद भी जिले वासियों को पीकू वार्ड का दाे साल से शुरू नहीं होने तथा रख रखाव के अभाव में भवन दम तोड़ने लगा है. बनने व हस्तगत होने के बाद कभी भी इस महत्वपूर्ण वार्ड की साफ-सफाई नहीं कराया गया है. जिससे भवन खराब हाेने लगा है. केंद्र लगातार बंद होने व रख रखाव नहीं होने से काफी जर्जर होने लगा है. परिसर में काफी गंदगी फैल गया है. बाहर की चहारदिवारी भी दरक गया है. वहीं परिसर की सुरक्षा को लेकर गेट तक नहीं लगाया गया है. जिससे सुरक्षा की काफी लचर व्यवस्था है. परिसर में झाड़ियां भी उग गयी है. स्टॉफ व संसाधनों की कमी : पीकू वार्ड के लिए आवश्यक डॉक्टर, नर्स एवं स्टॉफ की आवश्यकता को लेकर अभी तक स्वास्थ्य विभाग से कोई तैयारी नहीं है. जबकि पीकू केंद्र बनकर तैयार दो वर्ष पूर्व ही हो गया है. स्नेस्थेटिक डॉक्टर के साथ ही प्रशिक्षित स्टॉफ की आवश्यकता है. जो जिले में अभी नहीं है. जिसके लिए जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों ने विभाग से पत्राचार किया है. जिससे आने वाले साल में सुविधा मिल सके. कहते हैं सिविल सर्जन जिले में पीकू केंद्र बनकर तैयार है. जिसे चालू कराने के लिए प्रक्रिया शुरू किया गया है. केंद्र के संचालन को लेकर आवश्यक स्टॉफ एवं सुरक्षा को लेकर व्यवस्था की जायेगी. इसके लिए विभागीय स्तर पर पत्राचार किया गया है. एनेस्थेटिक डॉक्टर के साथ अन्य प्रशिक्षित स्टॉफ की मांग विभाग से की गयी है. पूरा होने के बाद अन्य आवश्यक कार्य कराकर केंद्र को शुरू किया जायेगा. शिव कुमार प्रसाद चक्रवर्ती, सिविल सर्जन, बक्सर
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