प्रवचन को अपने आचरण में उतारना ही सच्ची भक्ति

हरिराहा पंचायतके वार्ड 12 स्थित कार्तिक मंदिर परिसर में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा का रविवार को समापन हो गया.

By RAJEEV KUMAR JHA | November 10, 2025 7:58 PM

करजाईन. हरिराहा पंचायतके वार्ड 12 स्थित कार्तिक मंदिर परिसर में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा का रविवार को समापन हो गया. कथा के अंतिम दिन कथा वाचक संत हरिदास जी महाराज ने रावण वध, भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक सहित कई महत्वपूर्ण प्रसंगों का वर्णन किया. उन्होंने रावण वध प्रसंग को समझाते हुए कहा कि श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम इसलिए कहलाए क्योंकि उन्होंने धर्म, सत्य और मर्यादा का पालन किया. उन्होंने बताया कि ज्ञान और वैभव से संपन्न रावण का अंत उसके अहंकार के कारण हुआ. अहंकार मनुष्य के पतन का कारण बनता है, इसलिए सभी को विनम्रता और भक्ति के मार्ग पर चलना चाहिए. कथा के क्रम में प्रस्तुत मनमोहक झांकियों ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. भक्ति गीत के सागर में श्रद्धालु झूम उठे और भक्तिमय वातावरण में गोता लगाया. समापन पर संत हरिदास जी महाराज ने कहा कि केवल प्रवचन सुनना ही पर्याप्त नहीं बल्कि उसे अपने आचरण में उतारना ही सच्ची भक्ति है.

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