रेफरल अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन की सुविधा नहीं

पिछले 21 दिनों में 509 महिलाओं की हुई डिलीवरी, 24 को किया गया रेफर

By RAJEEV KUMAR JHA | November 21, 2025 6:22 PM

– लगभग 20 प्रतिशत प्रसूता को मामूली जटिलता के बावजूद कर दिया जाता है रेफर – पिछले 21 दिनों में 509 महिलाओं की हुई डिलीवरी, 24 को किया गया रेफर राघोपुर. रेफरल अस्पताल में अब तक सिजेरियन ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है. इसके कारण प्रसव के दौरान जटिलता का सामना कर रही गर्भवती महिलाओं को सदर अस्पताल या निजी नर्सिंग होम में रेफर किया जा रहा है. यह स्थिति तब है जब रेफरल अस्पताल जिले में सबसे अधिक डिलीवरी कराने वाले अस्पतालों में दूसरे स्थान पर है. यह अस्पताल एनएच 27 और एनएच 106 के नजदीक स्थित है. इसकी भौगोलिक स्थिति बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां केवल राघोपुर प्रखंड ही नहीं बल्कि आसपास के भपटियाही, प्रतापगंज, पिपरा, भीमनगर और वीरपुर जैसे क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए पहुंचती हैं. सिजेरियन सुविधा के अभाव में लगभग 20 प्रतिशत प्रसूता महिलाओं को मामूली जटिलता के बावजूद अन्य अस्पतालों में रेफर करना पड़ता है. इससे मरीज और उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. अधिकतर मामलों में उन्हें निजी नर्सिंग होम का सहारा लेना पड़ता है, जहां इलाज का खर्च बहुत अधिक होता है जो गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए आर्थिक बोझ बन जाता है. इस गंभीर समस्या को लेकर लोगों ने डीएम से हस्तक्षेप की मांग की है. स्थानीय प्रो बैद्यनाथ भगत, सचिन माधोगड़िया, उमेश गुप्ता, विनय भगत, रवि तिवारी, सुनील नायक, कमलेश प्रधान, प्रमोद साह, रिंकू भगत, अभिनन्दन दास, अमित भगत, किशोर दास, मन्नु दास, आफताब, अमित शाह, रामबाबू स्वर्णकार, अनुज चौधरी, हेमंत सेन, विक्की भगत, राजू महतो, गोपाल चांद, बालमुकुंद चौधरी आदि का कहना है कि यदि रेफरल अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन की सुविधा शुरू हो जाती है तो हजारों महिलाओं को बाहर रेफर होने से राहत मिलेगी और उन्हें महंगे निजी अस्पतालों में जाने की मजबूरी नहीं झेलनी पड़ेगी. डॉक्टर की कमी बना बड़ी बाधा उधर, अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दीप नारायण राम ने बताया कि अस्पताल में सर्जन डॉक्टर की उपलब्धता नहीं है, जिसके कारण यहां सिजेरियन ऑपरेशन संभव नहीं हो पा रहा है. वहीं, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक नोमान अहमद ने बताया कि 1 से 21 नवंबर तक (21 दिनों में) इस अस्पताल में कुल 509 सफल सामान्य डिलीवरी कराई गई. इसी अवधि में 24 उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं के गंभीर स्थिति को देखते हुए अन्य अस्पतालों में रेफर किया गया. उधर, चिकित्सा विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि राघोपुर रेफरल अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन की सुविधा शुरू हो जाती है तो यह पूरे क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी. इससे मातृ मृत्यु दर में कमी आएगी और प्रसूता महिलाओं को समय पर समुचित स्वास्थ्य सुविधा मिल सकेगी.

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