अवैध पार्किंग व अतिक्रमण से सिमराही बाजार में रोज लगता है जाम
बुधवार शाम बाजार में लग गया महाजाम, कई किमी तक वाहनों की लग गई थी कतारें
– एनएच 27 व एनएच 106 का संगम स्थल है सिमराही बाजार – बुधवार शाम बाजार में लग गया महाजाम, कई किमी तक वाहनों की लग गई थी कतारें – बाइपास व फ्लाईओवर के निर्माण से एनएच पर भारी वाहनों का बोझ हो सकता है कम – हर दिन बाजार में जाम लगने से बाजारवासी व राहगीर रहते हैं परेशान राघोपुर. सिमराही बाजार में अतिक्रमण और अवैध पार्किंग की वजह से हर दिन जाम लगता है. इससे बाजारवासी सहित राहगीर परेशान रहते हैं. बुधवार की शाम एक बार फिर यह संकट भयावह रूप में सामने आया, जब भीषण जाम ने पूरे इलाके की रफ्तार थाम दी. राष्ट्रीय राजमार्ग पर फंसे वाहनों की कतारें कई किलोमीटर तक फैली रही. दरभंगा और फारबिसगंज की ओर से आने-जाने वाले वाहनों के साथ-साथ एनएच 106 से आने वाले वाहन भी इस जाम में उलझ गए, जिससे चारों दिशाओं में यातायात पूरी तरह ठप पड़ गया. जाम का सबसे दुखद पहलू यह रहा कि कई एंबुलेंस भी इसमें फंस गई. गंभीर अवस्था में मरीजों को अस्पताल ले जाने वाली एंबुलेंस घंटों तक यातायात में अटकी रही. सह-चालकों और राहगीरों ने रास्ता साफ करने की कोशिश की, लेकिन वाहनों की भारी भीड़ के कारण यह प्रयास नाकाफी साबित हुए. प्रशासन की त्वरित कार्रवाई के बावजूद स्थिति को सामान्य करने में लंबा समय लग गया. लोगों का कहना है कि मालूम हो कि सिमराही बाजार में जाम अब रोज की समस्या बन चुकी है. इसके पीछे कई कारण हैं, जिन पर सालों से ध्यान नहीं दिया जा रहा है. लोगों ने कहा कि एनएच 27 और एनएच 106 के संगम स्थल पर वाहनों का दबाव अधिक रहता है. यदि यहां एक फ्लाईओवर या बाईपास का निर्माण हो जाए तो भारी वाहनों का बोझ काफी हद तक कम किया जा सकता है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. हालांकि पिछले दिनों सरकार द्वारा एनएच 27 पर फ्लाईओवर निर्माण को हरी झंडी दी गई, लेकिन अभी इस दिशा में कार्य शुरू नहीं हो सका है. चालक सड़क पर ही वाहनों को खड़ी कर उतारते व चढ़ाते हैं सवारी सिमराही बाजार में अब तक बस स्टैंड का निर्माण नहीं किया गया है. इसके कारण चालक अपने-अपने वाहनों को सड़क पर ही खड़ी कर यात्रियों को चढ़ाते और उतारते हैं. इसके अलावा ऑटो चालक भी सड़कों पर ही अपने-अपने वाहन खड़े कर यात्रियों को बैठाते हैं. इसके कारण बाजार में बराबर जाम की समस्या बनती है. सड़क किनारे रुककर यात्रियों की प्रतीक्षा करना और अवैध स्टैंड बनाना यातायात व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर देता है. लोगों का कहना है कि यदि सिमराही बाजार को जाम से मुक्त करना है तो कुछ ठोस और दीर्घकालिक कदम उठाने होंगे. इसमें मुख्य रूप से एनएच 27 और एनएच 106 के संगम स्थल पर फ्लाइओवर या बाइपास का निर्माण, बाजार क्षेत्र से बाहर स्थायी बस व ऑटो स्टैंड की व्यवस्था, अतिक्रमण हटाने और अवैध पार्किंग पर कड़ी कार्रवाई, ट्रैफिक पुलिस की संख्या बढ़ाकर चौक-चौराहों पर नियमित निगरानी आदि शामिल है. अतिक्रमण से सड़क की चौड़ाई घटी दुकानदारों द्वारा सड़क किनारे अतिक्रमण और अवैध पार्किंग ने सड़क की चौड़ाई घटा दी है. इससे पैदल चलने वालों और छोटे वाहनों दोनों के लिए रास्ता संकरा हो जाता है. पुलिस प्रतिदिन सिमराही जेपी चौक पर तैनात रहती है और जाम को नियंत्रित करने के प्रयास भी करती है, लेकिन स्थायी समाधान के अभाव में यह समस्या बार-बार लौट आती है. प्रशासन द्वारा वैकल्पिक मार्गों का प्रयोग, अस्थायी यातायात नियंत्रण और जुर्माने की कार्रवाई भी लंबे समय तक असरदार साबित नहीं हो पाई है. लगातार लगने वाले जाम का असर ना केवल यात्रियों पर बल्कि स्थानीय व्यापारियों पर भी पड़ रहा है. दुकानों के सामने लगी वाहनों की कतारें ग्राहक पहुंचने में बाधा डालती हैं. वहीं जाम में फंसे वाहन चालकों को घंटों तक धूप या बारिश में खड़ा रहना पड़ता है, जिससे आर्थिक और मानसिक दोनों तरह की परेशानियां बढ़ती जा रही है. लोगों का कहना है कि सिमराही बाजार ना केवल मधेपुरा, सुपौल और सहरसा जिलों को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है, बल्कि एनएच 27 के माध्यम से यह बिहार, असम और गुजरात तक संपर्क स्थापित करता है. ऐसे में यहां की यातायात व्यवस्था का सुचारू रहना पूरे क्षेत्र के लिए आवश्यक है. जाम से निजात दिलाने के लिए प्रशासन, जनप्रतिनिधि और आम नागरिकों को मिलकर कदम उठाने होंगे, तभी सिमराही बाजार की रफ्तार फिर से सामान्य हो सकेगी.
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