एनएच-327 ई परसरमा-अररिया सड़क मार्ग के उन्नयन का प्रस्ताव

सड़क को पेब्ड सोल्डर के साथ दो लेन के रूप में विकसित किया जाएगा.

By Prabhat Khabar News Desk | March 10, 2025 7:11 PM

– यातायात प्रबंधन व क्षेत्रीय विकास को मिलेगा बढ़ावा – यात्रा, समय और ईंधन लागत में आएगी कमी – परिवहन दक्षता बढ़ेगी और आर्थिक गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा – शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण होगा कम – स्थानीय यातायात और पैदल यात्रियों के लिए जोखिम होगा कम – इस परियोजना से न केवल यातायात प्रबंधन को मिलेगी मजबूती, बल्कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, आर्थिक विकास और यातायात सुरक्षा में भी होगा सुधार – परियोजना पर 1979.51करोड़ रुपया खर्च होने का है अनुमान – 111.82 किमी लंबा होगा परसरमा-अररिया सड़क सुपौल राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-327 ई परसरमा से अररिया खंड तक मौजूदा राजमार्ग को हाइब्रिड एन्युटी मोड (एचएएम) के तहत उन्नत करने का प्रस्ताव रखा गया है. इस परियोजना का उद्देश्य यातायात की भीड़ को कम करना, दुर्घटनाओं में कमी लाना और क्षेत्रीय संपर्क को बेहतर बनाना है. केन्द्र सरकार ने अररिया-परसरमा (सुपौल) (एनएच 327ई) का एलाइनमेंट (मार्गरेखन) तय कर दिया है. केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. अब इस सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू होगा. इसके बाद निविदा निकाली जायेगी और सड़क निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा. अधिसूचना के अनुसार इस सड़क को पेब्ड शोल्डर के साथ दो लेन बनाया जाएगा. अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार अभी अररिया से परसरमा के बीच सड़क बनी हुई है. इसी सड़क को पेब्ड सोल्डर के साथ दो लेन के रूप में विकसित किया जाएगा. इसकी कुल लंबाई 111.82 किमी है. इसमें 24.60 किमी बाइपास होगा, जबकि12.18 किमी का एलाइनमेंट नए सिरे से तय किया गया है. वहीं 75.04 किमी सड़क को और चौड़ा किया जाएगा. इस सड़क को सुपौल शहर से जोड़ने के लिए 1.749 किमी और त्रिवेणीगंज शहर को जोड़ने के लिए 3.288 किमी स्पर का निर्माण होगा. इस परियोजना पर 1979.51 करोड़ खर्च होंगे. रेलवे क्रॉसिंग के कारण दो रेलवे ओवरब्रिज भी बनाए जाएंगे. पहले स्वीकृत 04-लेन ग्रीनफील्ड संरेखण पर पुनर्विचार इससे पहले परसरमा से अररिया तक 04 लेन ग्रीनफील्ड हाईवे का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे 11 अक्टूबर 2024 को संरेखण अनुमोदन समिति ने मंजूरी दी थी. लेकिन गोरखपुर-सिलीगुड़ी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के विकास को ध्यान में रखते हुए यह महसूस किया गया कि यह नया एक्सप्रेसवे इस खंड के यातायात पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा.

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