बाल विवाह के खिलाफ छात्रों को दिलाई गई शपथ

बाल विवाह से घरेलू हिंसा, गरीबी व शारीरिक मानसिक रूप से कमजोर होने के साथ अन्य कई गंभीर बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है

By RAJEEV KUMAR JHA | November 27, 2025 6:57 PM

सरायगढ़. मध्य विद्यालय सरायगढ़ में शिक्षिका बबीता कुमारी ने चेतना सत्र के दौरान छात्र-छात्राओं को बाल विवाह के विरुद्ध शपथ दिलाई. उन्होंने कहा कि भारत में बाल विवाह एक सामाजिक अभिशाप है जो लड़कियों को शिक्षा से वंचित रखने का अवसर प्रदान करता है. बाल विवाह से घरेलू हिंसा, गरीबी व शारीरिक मानसिक रूप से कमजोर होने के साथ अन्य कई गंभीर बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है. इसको रोकने के लिए सरकार ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 लागू किया है, जिसके तहत 18 साल से कम उम्र की लड़कियों और 21 साल से कम उम्र के लड़कों का विवाह कानूनी अपराध है. यदि आप बाल विवाह करते पकड़े जाएंगे तो दो साल का कैद और एक लाख की जुर्माना हो सकता है. इसलिए लड़कियों की शादी 18 वर्ष के बाद व लड़कों की शादी 21 वर्ष के बाद करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि यदि समाज में बाल विवाह होता है तो इसकी सूचना पंचायत के मुखिया एवं पुलिस प्रशासन को दें, जिससे समाज में हो रहे इस सामाजिक कुरीतियों को मिटाने के लिए हर एक समुदाय के लोगों को पहल करने की आवश्यकता है. मौके पर सभी शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थें

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