छातापुर में नीरज कुमार सिंह का जलवा कायम, लगाया सिक्स
जनता ने भरोसेमंद जनप्रतिनिधि के रूप में किया स्वीकार
सुपौल. छातापुर विधानसभा क्षेत्र ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वह विकास, जनसरोकार और मजबूत नेतृत्व पर भरोसा करता है. भाजपा विधायक नीरज कुमार सिंह ने छठी बार जीत हासिल कर एक नया राजनीतिक इतिहास रच दिया है. उनकी इस ऐतिहासिक जीत ने न केवल छातापुर में उनकी लोकप्रियता को फिर से सिद्ध किया, बल्कि पूरे कोसी क्षेत्र में उनकी राजनीतिक पकड़ को और मजबूत किया है. नीरज कुमार सिंह की राजनीतिक यात्रा बेहद दिलचस्प रही है. 2005 में उन्होंने राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू के टिकट पर पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा की दहलीज में कदम रखा था. अपने क्षेत्र के प्रति समर्पण, विकास के मुद्दों पर मजबूती से आवाज उठाने और जनता से गहरे जुड़ाव ने उन्हें पहली ही बार में विशेष पहचान दिलाई. 2010 में छातापुर विधानसभा क्षेत्र सामान्य सीट हुआ. नीरज कुमार सिंह ने राजनीतिक रणनीति में बड़ा बदलाव करते हुए भाजपा का दामन थाम लिया. उन्होंने छातापुर से कमल निशान पर चुनाव लड़ना शुरू किया और तब से लेकर आज तक वे इसी क्षेत्र के होकर रह गए. जनता ने भरोसेमंद जनप्रतिनिधि के रूप में किया स्वीकार लगातार छह बार की जीत यह दर्शाती है कि छातापुर की जनता ने उन्हें सिर्फ एक नेता के रूप में नहीं, बल्कि अपने भरोसेमंद जनप्रतिनिधि के रूप में स्वीकार किया है. जनसमर्थन की भारी लहर यह दर्शाता है कि नीरज कुमार सिंह का प्रभाव किसी एक वर्ग या समुदाय तक सीमित नहीं है, बल्कि समूचे क्षेत्र में उनकी स्वीकार्यता है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीरज कुमार सिंह की लगातार सफलता के पीछे कई कारण है. उनका जमीन से जुड़ा रहना, बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए लगातार प्रयास, सड़क-पुल निर्माण पर जोर, कृषि समस्याओं पर सक्रियता और युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की कोशिश व क्षेत्र के विकास में उनकी निगरानी और सक्रियता का परिणाम है.
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