न्यायिक व्यवस्था समाज की है आधारशिला : डीएम
व्यवहार न्यायालय सुपौल का 11वां स्थापना दिवस मनाया गया
– मजबूरी में ही न्याय की आस में कोर्ट की शरण में आते हैं लोग : जिला जज – व्यवहार न्यायालय सुपौल का 11वां स्थापना दिवस मनाया गया – विधिक जागरूकता कार्यक्रम में न्यायिक अधिकारियों ने दिए महत्वपूर्ण संदेश सुपौल. व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को 11वां स्थापना दिवस सह विधिक जागरूकता कार्यक्रम धूमधाम से आयोजित किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनंत सिंह, जिलाधिकारी सावन कुमार, पारिवारिक न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राहुल उपाध्याय, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम गजनफ्फर हैदर, एसपी शरथ आरएस, विधिज्ञ संघ के उपाध्यक्ष राजीव मल्लिक तथा सचिव दीप नारायण भारती ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनंत सिंह ने कहा कि करीब दो वर्ष पूर्व जब वे सुपौल में जिला जज बनकर आए थे, तब उन्हें यह एहसास नहीं हुआ कि वह नौकरी कर रहे हैं. बल्कि उन्हें ऐसा लगा कि वे अपने ही दरवाजे पर बैठकर लोगों की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुपौल न्याय मंडल का माहौल परिवार जैसा है. यहां की बोलचाल, रहन-सहन और खान-पान सभी चीजें उन्हें अपनापन का अहसास कराती हैं. उन्होंने कहा कोई भी व्यक्ति अपनी मजबूरी में ही कोर्ट की शरण में आता है. इसलिए हमारी जिम्मेदारी बनती है कि उनके मामलों का निष्पादन जल्द से जल्द किया जाए. अगर कोई कार्य दो दिन में हो सकता है तो उसे एक दिन में पूरा करने का प्रयास होना चाहिए. उन्होंने न्यायाधीशों और अदालत कर्मियों को संवेदनशीलता के साथ कार्य करने का संदेश दिया. जिलाधिकारी सावन कुमार ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में विधिक जागरूकता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने अधिवक्ताओं से विशेष अपील की कि वे अपने-अपने समाज तथा नजदीकी थानों में जाकर लोगों को कानून के प्रति जागरूक करें, ताकि अनावश्यक मुकदमों में कमी आए और अधिक से अधिक वादों का त्वरित निष्पादन हो सके. कहा कि न्यायिक व्यवस्था समाज की आधारशिला है तथा जिला प्रशासन हर संभव सहयोग के साथ विधि व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने न्यायालय एवं प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय को जनता के हित में महत्वपूर्ण बताया. पुलिस अधीक्षक शरथ आरएस ने कहा कि कानून व्यवस्था को तरीके से लागू करना न्यायालय की अपेक्षाओं को पूरा करने की दिशा में पुलिस विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने केस निपटान में गति, अनुसंधान की गुणवत्ता एवं पीड़ितों के प्रति संवेदनशीलता पर जोर दिया. कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों और अधिवक्ताओं ने न्यायालय के 11 वर्षों की उपलब्धियों को याद करते हुए भविष्य में न्यायपालिका को और सशक्त बनाने का संकल्प लिया. स्थापना दिवस का यह आयोजन न केवल एक जश्न था, बल्कि यह संदेश भी कि सुपौल न्यायालय आम लोगों के विश्वास और न्याय की उम्मीदों पर खरा उतरता रहेगा. इस मौके पर न्यायाधीशों व अधिकारियों द्वारा केक काटकर एवं पर्यावरण संरक्षण को लेकर पौधरोपण भी किया गया. मौके पर डिप्टी डायरेक्टर बिहार जूडिशल एकेडमी निशिकांत ठाकुर कहा कि सुपौल में जो प्यार मिला और कार्य करने में जो मजा आया व कहीं अन्य जगहों पर नहीं मिला. यहां न केवल न्यायिक पदाधिकारियों के बीच में बल्कि न्यायालय कर्मियों व अधिवक्ताओं के बीच में काफी सौहार्दपूर्ण वातावरण है. मौके पर जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश थ्री राकेश कुमार, विनय शंकर, सुनील कुमार, पॉक्सो जज संतोष कुमार दूबे, गौतम कुमार यादव, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रामचंद्र प्रसाद, सचिव अफजल आलम सहित अन्य मौजूद थे.
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