पत्रकारिता लोकतंत्र का है चौथा स्तंभ : डीएम
समाज को सत्य, निष्पक्ष व तथ्यों पर आधारित खबरें उपलब्ध कराना पत्रकारों की जिम्मेदारी
– समाज को सत्य, निष्पक्ष व तथ्यों पर आधारित खबरें उपलब्ध कराना पत्रकारों की जिम्मेदारी – कलेक्ट्रेट के लहटन चौधरी सभागार में राष्ट्रीय प्रेस दिवस का किया गया आयोजन – बढ़ती गलत सूचना के बीच प्रेस की विश्वसनीयता की रक्षा विषय पर की गई चर्चा सुपौल. जिला प्रशासन व जिला जन संपर्क कार्यालय के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस का आयोजन समाहरणालय स्थित लहटन चौधरी सभागार में किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता डीएम सावन कुमार ने की. कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठ पत्रकारों को बुके देकर सम्मानित करने के साथ हुई. इसके बाद “बढ़ती गलत सूचना के बीच प्रेस की विश्वसनीयता की रक्षा” विषय पर चर्चा हुई, जिसमें प्रशासन और मीडिया के बीच सहयोग, सत्यापन और जिम्मेदार पत्रकारिता की अनिवार्यता पर जोर दिया गया. डीएम ने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है. उन्होंने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी होते हैं और समाज को सत्य, निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित खबरें उपलब्ध कराना उनकी मूल जिम्मेदारी है. प्रेस की विश्वसनीयता तभी कायम रह सकती है. कहा कि आज फेंक न्यूज समाज और प्रशासन दोनों के लिए गंभीर चुनौती है, इसलिए मीडिया और प्रशासन के बीच समन्वय बेहद आवश्यक है. उन्होंने आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन तथ्यपरक रिपोर्टिंग और जनहित से जुड़ी सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है. एसपी शरथ आरएस ने कहा कि फेंक न्यूज और साइबर अपराध आज के समय की बड़ी चुनौती बन चुकी है. कई बार अफवाहों और भ्रामक सूचनाओं के कारण कानून व्यवस्था की स्थिति प्रभावित होती है. ऐसे दौर में मीडिया की संवेदनशील और जिम्मेदार भूमिका बेहद जरूरी हो जाती है. उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रेस दोनों ही जनता के विश्वास के प्रमुख स्तंभ हैं. यदि सूचना सटीक और प्रमाणित होगी तो पुलिस तेजी और प्रभावी तरीके से कार्रवाई कर सकेगी. उन्होंने बताया कि जिला पुलिस साइबर सेल को और सुदृढ़ कर रही है ताकि गलत सूचना फैलाने वालों पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके. एसपी ने पत्रकारों को तकनीकी उपकरणों और सत्यापन के आधुनिक तरीकों का अधिक उपयोग करने की सलाह दी. डीडीसी सारा अशरफ ने कहा कि सरकारी योजनाओं की सही जानकारी आम जनता तक पहुंचाने में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई बार अफवाहों के कारण लाभुक योजनाओं से वंचित रह जाते हैं, ऐसे में स्थानीय पत्रकार गलत सूचना को रोकने का बड़ा माध्यम बनते हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन और मीडिया यदि सकारात्मक संवाद को बनाए रखें तो किसी भी अफवाह या गलत सूचना पर तत्काल रोक लगाई जा सकती है. वरिष्ठ पत्रकार भरत कुमार झा ने कहा कि आज की पत्रकारिता की सबसे बड़ी चुनौती गति और सत्य के बीच संतुलन बनाए रखना है. खबरें पहले देने की होड़ में कई बार तथ्य पीछे छूट जाते हैं, जिससे विश्वसनीयता पर असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि मीडिया की विश्वसनीयता सबसे बड़ी पूंजी है. यह एक बार टूट जाए तो पुनः स्थापित करने में वर्षों लग जाते हैं. उन्होंने कहा कि पत्रकारिता केवल करियर नहीं, बल्कि समाज के प्रति एक जिम्मेदारी है. इसलिए पत्रकारों को बिना डर और दबाव के निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित रिपोर्टिंग करनी चाहिए. कार्यक्रम के अंत में जिला जन संपर्क पदाधिकारी ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सभी अतिथियों, पत्रकारों और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया. वरिष्ठ पत्रकारों ने जिला प्रशासन के इस संवादात्मक प्रयास की सराहना की. मौके पर एडीएम सच्चिदानंद सुमन, डीपीआरओ विकास कुमार, पत्रकार तपेश्वर मिश्र, रवि कुमार, अमित झा, रंजीत ठाकुर, विष्णु गुप्ता, रविशंकर आदि मौजूद थे.
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