आसमान की ओर टकटकी लगाये हैं किसान, पंपसेट के भरोसे खेतों में धनरोपनी करने को विवश किसान
भीषण गर्मी में इन दुकानों पर लोग अपनी प्यास बुझाते हुए दिख रहे हैं
सुपौल. पिछले कुछ दिनों से आसमान में घने बादल मंडरा रहे हैं, इसके बावजूद बारिश नहीं होने से किसान काफी परेशान हैं.खेतों में दरारें पड़ने लगी है. धान की खेती करने वाले किसान पटवन कर अपना बिचड़ा बचाने में लगे हैं. अगर किसी किसान का बिचड़ा तैयार हो गया है तो वे पंपसेट के सहारे पटवन कर खेती करने में जुट गये हैं. चिलचिलाती धूप व उमस भरी गर्मी से आम लोग परेशान नजर आ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कोसी तटबंध के अंदर बसे लोग बाढ़ व कटाव से कराहने लगे हैं. पिछले एक माह से कोसी नदी के पानी में उतार-चढ़ाव के कारण तटबंध के अंदर बसे लोग दिख रहे हैं. किसान जुलाई माह में सूर्यदेव के रौद्र रूप देख लोग भयभीत नजर आ रहे हैं. सूर्यदेव के तपिश से एक ओर जहां लोगों का जीना मुहाल हो गया है. वहीं बारिश नहीं होने से किसान अपनी किस्मत पर रो रहे हैं. तेज धूप व उमस भरी गर्मी के कारण लोग लू की चपेट में आ रहे हैं. इधर गर्मी के कारण एक बार फिर पंखा, कूलर व एसी की बिक्री बढ़ गयी. गर्मी के कारण सब्जी के उत्पादन में आयी कमी तेज धूप के कारण सब्जियों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. खेतों से बाजार में सब्जियां कम पहुंच पा रही हैं. विक्रेताओं की मानें तो सब्जियों की कीमत में पिछले एक हफ्ते की तुलना में 10 से 20 रुपये प्रति किलो की वृद्धि हुई है. गन्ने की जूस व सत्तू की बढ़ी बिक्री आसमान से बरस रहे आग के गोले का असली मजा सड़क किनारे ठेला पर गन्ने का रस और सत्तू बेचने वाले ले रहे हैं. कलेक्ट्रेट और कोर्ट-कचहरी एवं मॉल के आस-पास गन्ने का जूस, लस्सी, बेल का शरबत ठंडा सहित अन्य शीतल पेय पीने के लिए दुकान पर काफी भीड़ दिख रही है. दुकानदारों ने बताया कि पिछले दो तीन दिनों से को जमकर बिक्री हुई. भीषण गर्मी में इन दुकानों पर लोग अपनी प्यास बुझाते हुए दिख रहे हैं.
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