कोसी के बढ़ते जलस्तर से संभावित बाढ़ का खतरा, जिला प्रशासन अलर्ट मोड में
डीएम ने बताया कि बाढ़ के संभावित खतरे से निपटने के लिए सभी स्तरों पर तैयारी पूरी है
सुपौल. नेपाल और सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव बना हुआ है. जल अधिग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश की वजह से संभावित बाढ़ की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. शनिवार को जिलाधिकारी सावन कुमार ने सिकरहट्टा-मझारी निम्न बांध और विभिन्न स्परों का निरीक्षण किया. उन्होंने मझारी से मंगासिहौल तक फैले बाढ़ सुरक्षा प्रबंधों की बारीकी से समीक्षा की. डीएम ने बताया कि बाढ़ के संभावित खतरे से निपटने के लिए सभी स्तरों पर तैयारी पूरी है. जगह-जगह फील्ड बैग उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मरम्मत और बचाव कार्य किया जा सके. अभियंताओं व पदाधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित की गई है. डीएम सावन कुमार ने कहा कि रात 10 बजे के बाद पानी घटने लगा है. तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है. इंजीनियरों द्वारा सतत निगरानी की जा रही है. तटबंधों पर नाइट गार्ड व जनरेटर की व्यवस्था डीएम ने कहा कि फिलहाल किसी भी स्थान पर खतरे की स्थिति नहीं है. सभी स्परों पर नाइट गार्ड लगाए गए हैं और बिजली बाधित होने की स्थिति में जनरेटर का इंतजाम किया गया है. नदी के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और मौसम विभाग की रिपोर्ट के आधार पर कदम उठाए जा रहे हैं. निरीक्षण के दौरान एडीएम सच्चिदानंद कुमार, एसडीएम धीरज कुमार सिंह, असिस्टेंट इंजीनियर अल्ताफ गौरभ, मरौना सीओ पिंटू चौधरी और जूनियर इंजीनियर राम विनय चौधरी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे. इस साल के अधिकतम जलस्तर पर पहुंची कोसी जिले में कोसी नदी का जलस्तर इस साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. शनिवार शाम 08 बजे कोसी बराज पर जल प्रवाह 02 लाख 430 क्यूसेक दर्ज किया गया, जो बढ़ते क्रम में है. वहीं, बराह क्षेत्र में जलस्तर 01 लाख 26 हजार 200 क्यूसेक मापा गया, जो घटते क्रम में है. विशेषज्ञों के अनुसार, नेपाल और सीमावर्ती इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी में पानी का दबाव बढ़ा है. जिला प्रशासन ने नदी के दोनों किनारों पर सतर्कता बढ़ा दी है और जलस्तर पर चौबीसों घंटे निगरानी रखी जा रही है.
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